बेंगलूरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा देने से साफ इंकार करते हुए कहा कि फिलहाल ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है कि उन्हें पद छोड़ना पड़े तथा विश्वास जताया कि गठबंधन सरकार विधायकों के बागी होने से उत्पन्न संकट से जल्द उबर जाएगी।
कुमारस्वामी ने यहां कुमारा कृपा गेस्ट हाउस में गठबंधन सरकार के सहयोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार पर तत्काल कोई खतरा नहीं है। उन्होंने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले सभी 16 विधायक अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे और सरकार को समर्थन जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येद्दियुरप्पा जब मुख्यमंत्री थे तो 18 विधायकों के बागी होने के बावजूद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था।
इस बीच उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कर्नाटक के 10 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के समक्ष शाम छह बजे तक पेश हाेने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों से मुलाकात के बाद ही इस बारे में निर्णय लेने को भी कहा है। बागी विधायकों के अध्यक्ष से मुलाकात करने के लिए विमान से मुंबई से बेंगलूरु जाने की संभावना है। विधायकों ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि अध्यक्ष ने उनसे एक साथ मुलाकात करने से इंकार कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को सभी बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष से शीर्ष अदालत को शुक्रवार को सुनवाई के दौरान इस मामले की प्रगति से अवगत कराने का भी आग्रह किया है।
जनता दल (एस) के बागी विधायक एएच विश्वनाथ ने मुंबई के रेनेसंस होटल में संवाददाताओं से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले और आदेश का स्वागत करते हैं तथा इसके मुताबिक सभी 10 बागी विधायक बेंगलूरु में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी मुंबई से विशेष विमान से बेंगलूरु जाएंगे तथा अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने कहा कि यदि अध्यक्ष इस बात पर जोर देते हैं कि कुछ विधायकों के इस्तीफे प्रारूप के तहत नहीं हैं तो हम उन्हें नया इस्तीफा पत्र सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि हम एकजुट हैं तथा 10 बागी विधायकों में से किसी के भी अपना इस्तीफा वापस लेने की कोई संभावना नहीं है।
कर्नाटक में सत्तारूढ गठबंधन में शामिल रहे 16 विधायकों के बागी होकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कुमारस्वामी सरकार पर बहुमत खोने और अल्पमत में आने का खतरा मंडराने लगा है। इससे पहले गठबंधन सरकार के पास दो निर्दलीय विधायकों एवं विधानसभा अध्यक्ष समेत कुल 119 विधायकों को समर्थन हासिल था।
यदि बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन विधायकों की संख्या घटकर 103 रह जाएगी जबकि हाल में मंत्री बनाए गए दोनों निर्दलीय विधायकों ने भी पहले से ही सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने की स्थिति में विधानसभा की क्षमता घटकर 206 रह जाएगी। इसके बाद विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 104 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी जबकि गठबंधन सरकार के पास केवल 101 विधायकों का समर्थन रह जाएगा।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के पास मौजूदा समय में 105 विधायक हैं जबकि इसे दो निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन का एलान कर रखा है। विधायकों के समर्थन के आधार पर भाजपा का पलड़ा फिलहाल भारी मालूम होता है।