जयपुर। राजस्थान में अब तक सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है लेकिन फिलहाल मानसून के फीका पड़ जाने से किसानों को चिंता होने लगी है।
राजस्थान के दक्षिण भाग एवं उससे लगते गुजरात में चक्रवाती परिसंरचना के कारण राज्य में मानसून कमजोर पड़ा हुआ है और इस कारण हवाएं देश के उत्तर क्षेत्र में बने कम दबाव वाले क्षेत्र में पहुंच रही हैं और वहां बरसात हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार ऐसी स्थिति में प्रदेश में मानसून के फिर से सक्रिय होने में सप्ताह भर या इससे ज्यादा का वक्त लग सकता है। राज्य में जुलाई के प्रथम सप्ताह में मानसून के पहुंचने के बाद राजधानी जयपुर सहित कई स्थानों पर अच्छी बरसात हुई लेकिन बाद में फीका पड़ गया।
इससे प्रदेश में बुवाई कर चुके और अब बुवाई करने वाले किसानों की चिंता बढ़ने लगी है वहीं पाकिस्तान से सीमांत जिलों में हमला कर चुके टिड्डी दल मानसून की इस बेरुखी के चलते अधिक सक्रिय एवं पनप रहे है। इससे किसानों की चिंता और बढ़ने लगी है।
हालांकि टिड्डी दलों के प्रति राज्य सरकार सतर्क है और कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया इस पर नजर रखे हुए है। कटारिया ने आज प्रभावित जिलों के सभी कलेक्टरों को हालात पर नजर रखने तथा प्रभावित क्षेत्रों में रसायनिक छिड़काव करने के निर्देश दिए है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में गत एक से तेरह जून तक सामान्य वर्षा 121.26 मिलीमीटर के मुकाबले 150.79 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 24.3 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल इस दौरान 135.45 मिलीमीटर बरसात हुई थी।
इस दौरान राज्य के चार जिलों चित्तौड़गढ, धौलपुर, डूंगरपुर एवं प्रतापगढ में असामान्य तथा चौदह जिले अजमेर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर एवं उदयपुर में सामान्य से अधिक बरसात हो चुकी है जबकि बीकानेर, गंगानगर एवं हनुमानढ़ तीन जिले ऐसे है जो सूखे पड़े हैं और वहां अब तक केवल अल्प वर्षा हुई।
प्रदेश के अलवर, बाड़मेर, जालोर, जोधपुर, पाली और सिरोही जिलों में अभी इसकी कमी बनी हुई है। राज्य के उदयपुर संभाग के जिन तीन जिलों में असामान्य वर्षा दर्ज की गई हैं उनमें प्रतापगढ में अब तक 410.53 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 88.1 प्रतिशत अधिक हैं।
इसी तरह डूंगरपुर जिले में 296.69 मिलीमीटर बरसात हुई सामान्य से 69.3 प्रतिशत अधिक है तथा चित्तौड़गढ़ में 267़08 मिलीमीटर बरसात हुई जो सामान्य 67.4 प्रतिशत अधिक है। इस तरह उदयपुर संभाग में इस दौरान सामान्य वर्षा 174.78 मिलीमीटर की जगह 283.56 मिलीमीटर बरसात हो चुकी जो सामान्य से 62.2 प्रतिशत ज्यादा है। इसी प्रकार भरतपुर संभाग के धौलपुर जिले में इस दौरान 237.71 मिलीमीटर वर्षा हुई जो सामान्य से 82 प्रतिशत अधिक है।
राज्य के बीकानेर जिले में इस दौरान केवल 16.30 मिलीमीटर वर्षा ही हुई है जो सामान्य से 72 प्रतिशत कम है। इसी तरह श्रीगंगानगर जिले में 18.85 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 65.3 प्रतिशत कम है तथा हनुमानगढ़ में अब तक 26.57 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जो सामानय 63.8 प्रतिशत कम है।
प्रदेश में अब तक हुई वर्षा से छोटे बड़े बांधों का जल स्तर में भी बढोतरी हुई जिससे पिछले पन्द्रह जून के बाद इन बांधों के जलस्तर में 6.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई। गत 15 जून को बांधों का जलस्तर 3425.91 एमक्यूएम था जो तेरह जुलाई तक बढ़कर 4274 एमक्यूएम हो गया जो कुल भराव क्षमता का 33.55 प्रतिशत है। इन बांधों की भराव क्षमता 12701.73 एमक्यूएम है। राज्य में इस वर्षा से अब तक पांच बांध लबालब हो चुके हैं जबकि 283 आंशिक रुप से भरे गए है। हालांकि अभी 522 बाद खाली है।