सोलन। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में नाहन एक्सप्रेस-वे पर कुम्हारहट्टी के निकट गत रविवार शाम चार मंजिला एक इमारत के ढहने की घटना में असम रेजीमेंट के 13 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई। राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
घटनास्थल पर रविवार से ही जारी राहत एवं बचाव कार्यों के दौरान 12 और जवानों के शव आज सुबह इमारत के मलबे से बरामद किए गए। इससे पहले एक जवान और एक महिला का शव रविवार को बरामद किया गया था जिससे इस घटना में मरने वालों की संख्या 14 हो गई।
घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य अब समाप्त कर दिया गया है। हादसा रविवार शाम करीब चार बजे हुआ था जब इस क्षेत्र में भारी बारिश होने के चलते चार मंजिला एक इमारत, बुनियाद के नीचे की जमीन धंस जाने के कारण धराशायी हो गई थी।
इस इमारत की सड़क से सटी मंजिल में ‘सेहाज तंदूरी ढाबा‘ था जहां निकट के डिगशायी कैंट के असम रेजिमेंट के लगभग 30 जवान और उनके परिवार के सदस्यों समेत 42 लोग मौजूद थे। सेना के जवान और उनके परिवार के सदस्य वहां खाना खाने आए थे। अन्य लोगों में ढाबा की मालिक अर्चना, कर्मचारी और अन्य ग्राहक थे।
हासदे के तुरंत बाद जिला उपायुक्त केसी चमन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मधुसूदन शर्मा समेत जिले के वरिष्ठ अधिकारी राहत एवं बचाव टीमों के साथ मौके पर पहुंचे पुलिस, फायर ब्रिगेड और होमगार्ड के जवान शामिल थे। एनडीआरएफ, डिगशायी कैंट के जवानों और स्थानीय लोगाें भी राहत एवं बचाव कार्य में अहम योगदान दिया और इमारत के मलबे से 17 जवानों समेत 28 लोगों को बचा लिया गया था।
इनमें कुछ गम्भीर तो कुछ मामूली रूप से घायल हैं। इनका क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में ईलाज चल रहा है। इस दौरान दो शव भी बरामद किए गए थे जिनकी शिनाख्त नायब सूबेदार राजकिशोर और अर्चना के रूप में की गई थी।
बारह जवानों के शव आज सुबह बरामद किए गए। इनमें से पांच की शिनाख्त सूबेदार बलविंद्र सिंह, नायब सूबेदार विनोद कुमार, सूबेदार अजीत कुमार, सूबेदार मेजर प्रदीप चंद और सूबेदार योगेश कुमार के रूप में की गई है। आठ अन्य जवानों की शिनाख्त होना अभी बाकी है। सभी 13 जवानों के शव सेना को सौंप दिए गए हैं।
जिला प्रशासन ने मृतकों के आश्रितों के लिए दस-दस हजार रूपए, गम्भीर रूप से घायलों को पांच-पांच हजार रूपए तथा मामूली रूप से घायलों को दो-दो हजार रूपए की तत्काल सहायता राशि प्रदान की है। जिला उपायुक्त के अनुसार घटना के सम्बंध में पुलिस ने ईमारत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
इस बीच, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री डॉ राजीव सैजल ने आज सुबह घटनास्थल का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली तथा बाद में सोलन स्थित विभिन्न अस्तालों में उपचाराधीन घायलों का हालचाल जाना तथा उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मुख्यमंत्री ने घायलों को बेहतर उपचार मुहैया कराने के अस्पताल प्रबंधन को निर्देश देने के अलावा घटना की न्यायिक जांच कराने के भी आदेश दिए। मीडिया से बातचीत में उन्हाेंने कहा कि जांच में जो कोई भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ की तीन अतिरिक्त कम्पनियाें को हैलीकाप्टर से घटनास्थल पर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि इमारत के मालिक के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे में मारे गए लोगाें के शोक संतप्त परिवारों के प्रति समवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना की।
हादसे के समय उक्त ढाबे में सेना के जवान खाना खाने आए थे। इस घटना में घायल हुए जवान सुरजीत ने बताया कि वे ढाबा में खाना खा रहे थे तभी अचानक इमारत हिलने लगी और देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। उसने बताया कि हताहत हुए सभी जवान डिगशयी असम राईफल्स के जवान हैं। रविवार को छुट्टी होने के चलते सभी ने बाहर लंच करने की योजना बनाई थी।
जिला उपायुक्त केसी चमन के अनुसार इमारत गिरने के कारण क्या रहे इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह इमारत वर्ष 2009 में बनाई गई थी। कुछ समय पहले इस पर एक और मंजिल का निर्माण किया गया था।