जयपुर | उद्यमियों को राज-उद्योगमित्र पोर्टल पर आवेदन के साथ ही एक पावती पर उद्योग लगाने की स्वायत्तता देते हुए तीन वर्ष के लिए विभिन्न स्वीकृतियों व निरीक्षण से मुक्त करने की राजस्थान सरकार की पहल केन्द्र व अन्य प्रदेशों के लिएअनुकरणीय बन गई है। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने तीन अधिकारियों का दल राजउद्योगमित्र पोर्टल व्यवस्था के अध्ययन के लिए जयपुर भेजा है।
उद्योग आयुक्त डॉ. कृृष्णा कांत पाठक से मध्यप्रदेश के एमएसएमई विभाग के तीन अधिकारियों के दल ने गुरुवार को उद्योग भवन में मुलाकात की और विस्तार से एमएसएमई एक्ट में संशोधन कर बनाए गए नए कानून के प्रावधानों और राजउद्योगमित्र पोर्टल पर आवेदन पावती से उद्योग स्थापित करने की व्यवस्था की विस्तार से जानकारी ली।
मध्यप्रदेश के अधिकारियों के दल ने चर्चा के दौरान राजस्थान सरकार के उद्योगों की स्थापना में आनेे वाले व्यवधानों और निरीक्षणाें से तीन साल तक मुक्त करने व इसके बाद छह माह का समय देने के कदम को क्रान्तिकारी व साहसिक बताया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार को राजस्थान सरकार की इस पहल की जानकारी मिलते ही इसके अध्ययन कराने का निर्णय लेते हुए उनके दल को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सहित दूसरे अन्य प्रदेशों द्वारा राजस्थान की इस पहल को औद्योगिक निवेश के लिए अग्रगामी कदम माना जा रहा है।
उद्योग आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर राजउद्योगमित्र पोर्टल लाया गया है। उन्होंने औद्योगिक निवेश बढ़़ाने और प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल बनाने के साथ ही व्यवस्था के सरलीकरण और सुविधाओं के विस्तार के लिए नई उद्योग नीति, निवेश प्रोत्साहन नीति, निर्यात संवर्धन ब्यूरो आदि को शीघ्र ही जारी करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अन्य प्रदेशों द्वारा भी इस संबंध में संपर्क साधा जा रहा है।
इससे पहले संयुक्त निदेशक व प्रभारी श्री संजय मामगेन ने दल के सदस्यों को विस्तार से नए प्रावधानों की जानकारी दी। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में अतिरिक्त निदेशक श्री पीके जैन ने विस्तार से राजस्थान के औद्योगिक परिदृश्य की जानकारी दी।
मध्यप्रदेश के दल में श्री संजय पाठक, श्री आरआर गौरखेड़े और श्री जयंत प्रकाश ने विस्तार से मध्यप्रदेश की योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी दी और राजस्थान सरकार की पहल की सराहना करते हुए इसे अग्रगामी कदम बताया।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक श्री डीसी गुप्ता, संयुक्त निदेशकों में श्री संजीव सक्सैना, श्री एसएस शाह, श्री सीबी नवल, श्री योगेश माथुर, उपनिदेशकों में श्री चिरंजी लाल, श्री धर्मेन्द्र पूनिया, श्री केके पारीक, श्री निधि शर्मा, श्री राजीव गर्ग आदि उपस्थित रहे।