जयपुर | राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह ने कहा है कि अब भारत बदल रहा है। सामाजिक दायित्व व लोगों की सोच भी बदल रही है। आम लोगों की अक्सर शिकायत रहती है कि पुलिस मित्रवत् व्यवहार नहीं करती मगर अब हमें यह सोच बदलनी है। उन्होंने कहा कि पुलिस को मित्र बनना है। पुलिस को अपराधी, माफिया व साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ना है और आम आदमी का मित्र बनकर दिखाना है।
राज्यपाल कल्याण सिंह ने गुरूवार को जोधपुर में सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं दांडिक न्याय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में 271 विद्यार्थियों को उपाधि एवं पदक प्रदान किये। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस विश्वविद्यालय के साथ ही हम सभी के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। ऎसी विद्या जहां आंतरिक सुरक्षा, कानून एवं शांति व्यवस्था के साथ हमारे समाज और गांवों की सुरक्षा करने वाले सीमा पर लड़ने वालों की तरह ही सम्मान के हकदार है। सिंह ने कहा कि यह देश एक लंबे समय तक गुलाम रहा तथा इस दौरान अनेक बुराइयां आ गई थी, मगर अब देश बदल रहा है।
सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय के इस प्रथम दीक्षांत समारोह में सर्वप्रथम विद्यार्थियों, प्राध्यापकों एवं विश्वविद्यालय के सभी कार्मिकों को उन्होंने हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आधुनिक तकनीक से परिपूर्ण हमारे विश्वविद्यालय युवा पीढ़ी के लिए ज्ञान अर्जन के केन्द्र है। शिक्षा के इन मंदिरों से ही देश के कर्णधार तैयार हो रहे हैं। शिक्षकों का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकगण छात्र-छात्राओं को निर्धारित पाठ्यक्रम का अध्ययन अवश्य करायें, लेकिन साथ ही उन्हें मानवता, सहनशीलता, सत्यता व ईमानदारी के पाठ भी पढ़ायें।
कुलाधिपति नेे कहा कि समाज में कानून व व्यवस्था को सुचारू रूप से सम्पादित करने, अपराध पर अंकुश लगाने एवं समाज को सुरक्षा का वातावरण देने में पुलिस की महती भूमिका होती है। इन लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ही पुलिस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। निरन्तर बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य में विश्वविद्यालयों के दायित्व बदल रहे है और जिम्मेदारियां भी बढ़ रही है। वर्तमान में चुनौतियों विशेषकर साइबर अपराध से संबंधित विषयों में विद्यार्थियों को दक्ष किया जाना आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि आधुनिक तकनीक के इस युग में साइबर जगत में अपराध बढ़ रहे हैं। सार्वजनिक उपक्रमाें, उद्योगों व्यावसायिक क्षेत्रों तथा देश की सुरक्षा से जुडे़ गंभीर मुद्दों में साइबर विशेषज्ञों को आगे बढ़कर पहल करनी होगी। महिला एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराध, यौन हिंसा, उत्पीड़न तथा लैंगिक असमानता की रोकथाम, किसी भी लोकतांत्रिक देश की सफलता के सूचकांक है।
सिंह ने स्मरण करते हुए कहा कि “ उत्तर प्रदेश का जब मैं मुख्यमंत्री था, तब पुलिस अधिकारियों ने पहली बैठक में मुझे बताया कि अपराधों में कमी हो रही है। पुलिस अधिकारियों से मैंने कहा कि मैं गांव का सामान्य आदमी हॅूं। मेरी सोच यह है कि फिल्म के दूसरे शो को देखने के बाद महिलाएं सुरक्षित अपने घर पहुंचे, ऎसा वातावरण यदि बन सकता है तो मैं समझूंगा प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था अच्छी है। “ उन्होंने कहा कि इस पैमाने को ध्यान में रखकर पुलिस को कार्य करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व आतंकवाद से त्रस्त है। विश्वविद्यालय में वैश्विक आतंकवाद निरोधी केन्द्र की स्थापना आतंकवाद की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटने के लिए की गई है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। इसी प्रकार सड़क सुरक्षा केन्द्र की स्थापना का उद्देश्य भी यही है कि दुर्घटनाओं के कारणों का अध्ययन किया जाये। इसके लिए नागरिकों को भी जागरूक करना होगा। विश्वविद्यालयों को युवा पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के केन्द्र बनने होंगे। अध्ययन-अध्यापन पवित्र उतरदायित्व है। छात्र-छात्राओं को अनुशासित और विनम्रशील बनाने के लिए विश्वविद्यालयों में उचित वातावरण बनाना होगा। परिसरों में ही विद्यार्थियों की अन्तर्निहित योग्यता एवं क्षमता पुष्पित एवं पल्लिवत होती है। विश्वविद्यालय अपनी अकादमिक श्रेष्ठता और अद्यतन शोध द्वारा ही राष्ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। सिंह ने कहा कि उनकी आकांक्षा है कि पुलिस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं शोधार्थी जिम्मेदार नागरिक बनें। सच्चाई एंव ईमानदारी से दायित्वों का निर्वाह करें। राष्ट्र को विश्व पटल पर विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने में एकजुट होकर सक्रिय भूमिका निभाये।
पूर्व कुलपति एम.एल.कुमावत ने उन माता-पिता को बधाई देते हुए कहा कि जिन्होंने इस युवा संस्थान में अपना विश्वास दिखाकर अपने बच्चों को यहां दाखिला करवाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के समय-समय पर विवेकपूर्ण सुझावों से हमारा समुचित मार्गदर्शन हुआ। समारोह को आईआईटी निदेशक शांतनु चौधरी ने भी संबोधित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति एन.आर.के. रेड्डी ने राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्यपाल कल्याण सिंह कुलाधिपति के रूप में विश्वविद्यालयों के प्रेरणा स्तंभ है। उन्होंने इस मौके पर विश्वविद्यालय द्वारा पुलिसिंग सहित आपराधिक न्याय व्यवस्था से जुड़े कई प्रोफेशन प्रोग्राम की जानकारी दी। कुलसचिव सोहनलाल शर्मा ने आभार व्यक्त किया।