मुंबई | बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर का कहना है कि अपने शुरूआती दौर में वह खुद को मिसफिट समझते थे। अनिल को फिल्म इंडस्ट्री में आये हुये चार दशक हो गये हैं और उन्होंने इंडस्ट्री में खास पहचान बनायी है। अनिल का कहना है कि आज ऐक्टर्स साल में एक या दो फिल्में करते हैं, यह उनके लिए ‘कूल’ है, लेकिन जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा था, तब ऐसा कुछ नहीं था। अनिल कपूर ने कहा कि शुरू में वह इंडस्ट्री में खुद को मिसफिट की तरह महसूस करते थे क्योंकि वह अपनी सीन की तैयारी किया करते थे।
अनिल ने कहा,“लोग कहते थे कि मेरे पास कला है। कुछ लोग मुझे झोला वाला ऐक्टर कहते थे। वे कहते थे कि मैं एक कैरक्टर के लिए बहुत तैयारी करता हूं। उस समय कड़ी मेहनत को सही नहीं माना जाता था। मुझे लगता है कि हमें ऐसे लोगों की सराहना करनी चाहिए, जो कड़ी मेहनत करते हैं। अब यह ‘कूल’ हो गया है। यदि कोई ऐक्टर कड़ी मेहनत करता है और दो साल में सिर्फ एक फिल्म करता है, तो यह अच्छी बात है। पहले अगर हम एक बार में एक फिल्म करते थे, तब लोग कहते थे कि उसके पास कोई काम नहीं है।”
अनिल ने कई बेहतरीन कैरक्टर्स को परदे पर बखूबी उतारा है क्योंकि उन्होंने हमेशा सहज रूप से फिल्मों को चुना है। उन्होंने कहा,“मैंने कुछ फिल्में उसकी कहानी के कारण की थी। बहुत सारी फिल्में ऐसी थीं, जहां निदेशकों को लगा कि दूसरे ऐक्टर्स और ऐक्ट्रेस के रोल बेहतर थे। मैंने कभी इस तरह से नहीं देखा क्योंकि अगर कोई फिल्म सफल होती है तो मीडिया और ट्रेड इसके चारों ओर एक कास्ट सिस्टम बनाने की कोशिश करेगा। मैं इस बारे में कभी नहीं सोचा। यह पहले मुझे थोड़ा प्रभावित करता था, लेकिन मुझे हमेशा से पता था कि फिल्म को साइन करते समय मैं कितना सहज था। मेरे पास ऐसे कई उदाहरण हैं, जब फिल्में सफल हुईं क्योंकि मैं अपने रोल के बजाय पूरी कहानी पर ध्यान दिया।”