भारत | हालिया ICMR और NCDC के वैज्ञानिकों ने वायरल इन्फेक्शन के 10 शुरुआती मामले पकड़े। जिसके बाद कहा जा रहा है कि भारत में भी इबोला वायरस फैल सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये सब विदेशी पर्यटकों के संपर्क में आने से फैल सकता है। वैज्ञानिक देश में आपातकालीन स्थितियों का सामना करने को लेकर आगाह कर रहे हैं। इबोला जैसी अति-संक्रामक बीमारी में 70% मरीजों की मौत हो जाती है।
इबोला वायरस की चपेट में इंसान तब आता है जब वह संक्रमित जानवर के संपर्क में आए। यह आमतौर पर उस स्थिति में होता है जब संक्रमित मांस को काटा, पकाया या खाया जाता है। संक्रमित जानवरों के खून, मल या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने पर भी यह वायरस फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के किसी भी प्रकार के फ्लूइड के संपर्क में आने पर भी यह वायरस किसी को भी चपेट में ले सकता है। अगर स्वस्थ व्यक्ति को चोट या घाव हो और वह संक्रमित व्यक्ति के सामान को छुए तो उसके जरिए भी वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है।