अजमेर। अजमेर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार प्रसार के लिए मंगलवार को कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर तीन प्रचार रथों को रवाना किया।
यह प्रचार रथ जिले के विभन्न क्षेत्रों में 31 जुलाई तक भ्रमण कर ग्रामीणों एवं किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में जानकारी देंगे।
कलेक्टर शर्मा ने बताया कि योजना के तहत अजमेर जिले में योजना के क्रियान्वयन हेतु फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड राज्य सरकार द्वारा अधिकृत की गई है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक समन्वयक भी लगाए गए हैं, जो ग्रामीणों को बीमा का लाभ दिलाने में सहायता करेंगे।
कृषि विभाग के उपनिदेशक वीके शर्मा के अनुसार वर्ष 2019-20 में फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा।
फसलों का बीमा कैसे कराएं
अधिसूचित ईकाई क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए जिन कृषकों को किसी वित्तीय संस्थान (सहकारी बैंक एवं सहकारी समिति, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यवसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक आदि) द्वारा खरीफ 2019 मौसम के लिए फसल ऋण की सीमा अनुमोदित (स्वीकृत) की गई हो तथा 31 जुलाई 2019 तक ऋण वितरित किया गया हो।
उपरोक्त अन्तिम तिथि तक ऋण लेने वाले सभी कृषको का इस योजना के अन्तर्गत बीमा करना बैंको के लिए अनिवार्य होगा। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जायेगा। ऋणी कृषकों द्वारा बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना वित्तीय संस्थान को देने की अंतिम तिथि 29 जुलाई 20019 है।
गैर ऋणी कृषक अपनी फसलो का बीमा 31 जुलाई 2019 तक निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं/अधिसूचित बीमा कम्पनी के एजेण्ट/सीएससी (कॉमन सर्विस सेन्टर) के माध्यम से संबंधित बीमा कम्पनी में निर्धारित दर से फसल बीमा हेतु प्रीमियम राशि जमा करवानी होगी।
गैर ऋणी कृषक द्वारा प्रस्तुत किए गए निम्न दस्तोवेजों को ऑनलाइन स्कैन कर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इसमें आधार कार्ड की प्रति, जमीन बटाई का शपथ पत्र (बटाईदार होने पर), नवीनतम गिरदावरी की नकल, बैंक खाते के पास बुक की प्रति जिसमें बैंक आईएफएससी कोड व खाता सख्यां अकितं हो या खाते के रद्द चैक, बुवाई प्रमाण पत्र कृषि या राजस्व विभाग के कार्मिकों द्वारा जारी होना चाहिए। खरीफ मौसम 2019 हेतु फसलों का बीमा करवाने हेतु कृषकों को सम्बंधित बैंक/संस्था को आधार क्रमांक अथवा उसका नामांकन संख्या अनिवार्य रुप से उपलब्ध करवाना होगा।
कृषक फसलों में हुए नुकसान की जानकारी कैसे दें
बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18002664141 पर नुकसान के 72 घण्टे के भीतर तथा लिखित रूप से नुकसान के 7 दिवस के भीतर से बीमा कम्पनी के कार्यालय में। बैंक के माध्यम से तथा कृषि विभाग के नजदीकी कार्यालय में लिखित रूप से।
योजना अन्तर्गत निम्नानुसार वर्णित जोखिम
कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों में बुवाई नहीं होने की स्थिति (बाधित/निष्फल बुवाई)-प्रमुख फसलो हेतु। खडी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ, जल प्लावन, कीट एव व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, टाइफून, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर से होने वाले उपज में नुकसान के लिये व्यापक जोखिम बीमा (राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर)।
फसल कटाई उपरांत सूखने के लिए खेत में काटकर फैलाकर छोडी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एवं असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के लिए कटाई उपरांत अधिकतम 02 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए। अधिसूचित क्षेत्र के आंशिक कृषि भूमि क्षेत्र में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, प्राकृतिक आग एवं जलप्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान।
जिले में निम्नानुसार बीमित राशि एवं प्रीमियम राशि फसलवार निर्धारित की गई है। देय प्रीमियम बीमित राशि का अधिकतम 2 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलो हेतु अधिकतम 5 प्रतिशत ही कृषक द्वारा वहन किया जाएगा। शेष राशि 50-50 प्रतिशत के अनुपात मे केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा देय होगी।