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Kargil Victory Day tribute to the martyrs of Kargil in the Lok Sabha - Sabguru News
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करगिल विजय दिवस पर करगिल के शहीदों को लोकसभा में श्रद्धांजलि

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करगिल विजय दिवस पर करगिल के शहीदों को लोकसभा में श्रद्धांजलि
Kargil Victory Day tribute to the martyrs of Kargil in the Lok Sabha
Kargil Victory Day tribute to the martyrs of Kargil in the Lok Sabha
Kargil Victory Day tribute to the martyrs of Kargil in the Lok Sabha

नयी दिल्ली | देश की की आन-बान शान के लिए करगिल के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देकर सर्वोच्च बलिदान करने वाले वीर जवानों को लोकसभा में शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी गयी।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आज के दिन ही करगिल विजय हुआ था। करगिल युद्ध के दौरान जवानों ने जिस वीरता का शौर्य का परिचय वह बेमिसाल है। सर्वोच्च बलिदान करने वाले जवानों को सभा की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। देश की रक्षा में जान न्योछावर करने वाले जवानों के प्रतीक के रूप में आज के दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश के जवानों ने जिस साहस और वीरता का परिचय दिया है वह अनुकरणीय है। करगिल विजय दिवस के बीस साल पूरे हो चुके हैं इसलिए उन जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सदन में इस पर चर्चा की जानी चाहिए।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करगिल युद्ध के बीस वर्ष पूरे होने पर आज देश के अलग-अलग हिस्सों में विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। करगिल युद्ध के दौरान वीर जवानों ने जिस तरह शौर्य और प्राक्रम का परिचय दिया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश के जवानों ने युद्ध के दौरान जिस प्रकार का अपना करिश्मा दिखाया उससे यह साबित हो गया कि आने वाले दिनों पाकिस्तान भारत के साथ अब सीधे तौर पर कोई युद्ध करने की साहस नहीं करेगा। वह हमारे खिलाफ मात्र छद्म युद्ध कर सकता है। उन्होंने वीर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित की।

गौरतलब है कि 20 वर्ष पहले 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने गुप्त रूप से आकर कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए उन्हें वहां से खदेड़ कर इन चोटियों पर तिरंगा फहराया था। लगभग दो महीने चली यह लड़ाई 26 जुलाई 1999 को खत्म हुई थी और तब से इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस लड़ाई में भारत मां के 500 से भी अधिक सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर कर मातृभूमि की रक्षा की थी।