Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
आजम खान के व्यवहार की एक सुर में निंदा, जल्द कार्रवाई करेंगे अध्यक्ष - Sabguru News
होम Breaking आजम खान के व्यवहार की एक सुर में निंदा, जल्द कार्रवाई करेंगे अध्यक्ष

आजम खान के व्यवहार की एक सुर में निंदा, जल्द कार्रवाई करेंगे अध्यक्ष

0
आजम खान के व्यवहार की एक सुर में निंदा, जल्द कार्रवाई करेंगे अध्यक्ष

नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के सदस्य आजम खान के व्यवहार की आज सभी दलों ने एक सुर में निंदा की और अध्यक्ष ओम बिरला ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया।

कई वरिष्ठ मंत्रियों और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के अन्य सदस्यों द्वारा शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाए जाने पर बिरला ने कहा कि मैंने आप सबकी बात सुनी है। सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक बुलाकर इस पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

अध्यक्ष ने सदन के पटल पर जरूरी कागजात रखवाने के बाद जैसे ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्य अपनी-अपनी जगहों पर खड़े हो गए। बिरला ने भारतीय जनता पार्टी की संघमित्रा मौर्या को यह मुद्दा उठाने दिया। मौर्या ने कहा कि गुरुवार को अध्यक्ष के आसन पर पीठासीन रमा देवी के बारे में जो टिप्पणी की गई वह अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि खान को उनकी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी होगी।

इसके बाद अध्यक्ष ने एक-एक कर कई सदस्यों को इस विषय पर राय रखने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि जो भी चाहे इस मुद्दे पर बोल सकता है। सत्तारूढ़ दल के कई सदस्यों ने खान को निष्काषित करने की मांग की। कुछ सदस्यों ने उन्हें निलंबित करने भी मांग की। कई सदस्यों तथा मंत्रियों ने अध्यक्ष से कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की ताकि भविष्य में कोई और इस तरह का आचरण नहीं करे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज तक संसद में किसी ने इस तरह की हिमाकत नहीं की। पूरे देश ने देखा कि किस प्रकार पूरा सदन शर्मसार हुआ। उन्होंने कहा कि हम चुपचाप बैठकर मूक दर्शक नहीं बन सकते। सांसद होने के नाते मिले विशेषाधिकार का अनुचित इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अध्यक्ष के आसान पर पीठासीन सदस्य के लिए जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया गया वह शर्मिंदगी भरा है। उन्होंने कहा कि आज देश का लोकतंत्र सदन की तरफ देख रहा है। कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदस्यों से गरिमा बनाए रखने की अपील की और कहा कि बिना किसी किन्तु परंतु के इस कृत्य की निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन को अध्यक्ष पर पूरा भरोसा है और साथ ही अध्यक्ष से ऐसी कार्रवाई करने के अपील की जो एक मिसाल बन सके।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कल की घटना से सभी सदस्य आहत हैं। प्रसाद और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने तत्काल इस पर आपत्ति की थी। उन्होंने कहा कि रमा देवी ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था जिससे खान को उस तरह का द्विअर्थी और कुटिल शेरो-शायरी की जरूरत पड़े। उन्होंने सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाकर कड़ी कार्रवाई करने का सुझाव दिया।

सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हिंदुस्तान में हम महिला का मां के रूप में सम्मान करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों की शिकायत की जा रही है उनकी बात नहीं सुनने को मिलती। उनके आगे कुछ कहने से पहले ही भाजपा सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। अध्यक्ष ने सत्ताधारी पक्ष को शांत कराया। इसके बाद चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे को विशेषाधिकार समिति तथा आचार समिति में भेजा जाना चाहिए और वहां जो भी विचार होगा कांग्रेस उसका समर्थन करेगी।

चौधरी को अध्यक्ष ने बाद में भी दो बार बोलने का मौका दिया और उन्होंने जब सोनिया गांधी को कभी इटली की कठपुतली के नाम से सदन में पुकारे जाने का मुद्दा उठाया तो कांग्रेस और भाजपा के सांसदों में जमकर बहस हुई। दोनों दलों के लगभग सभी सदस्य अपने-अपने स्थानों पर खड़े होकर कुछ कहते देखे गए। भाजपा की तरफ से अन्य सदस्यों के साथ प्रसाद, ईरानी और जोशी भी कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस की और से चौधरी, कार्ति चिदम्बरम् और गौरव गोगोई कुछ कह रहे थे।

बाद में चौधरी ने कहा कि सदन की ही नहीं, सदन के बाहर देश या दुनिया में भी कहीं किसी महिला के पर कोई अत्याचार होता है तो उनकी पार्टी उसके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जो भी सही समझें कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में हम सदन की गरिमा को और महिलाओं की गरिमा को छोटा नहीं होने देंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की ताकि सदन एक मिसाल पेश कर सके। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कांग्रेस पर मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक बार फिर महिला से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर कांग्रेस के सदस्य हंगामा करने लगे। ईरानी ने कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है। शायद दोषभाव के कारण कांग्रेस के सदस्य स्वयं खड़े हो गए हैं।

वित्त राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिन्होंने सदन के बाहर और अंदर ऐसा चेहरा दिखाया है उन्हें दुबारा मौका न मिले। उन्होंने अध्यक्ष से अपील की कि इस मुद्दे पर किसी को राजनीति करने का अवसर न दिया जाए।

तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि किसी भी महिला के प्रति अपशब्दों का प्रयोग या दुर्व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो महिलाओं का सम्मान नहीं करते उन्हें इस देश की संस्कृति के बारे में नहीं पता। इससे महिलाओं की ही नहीं सभी की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सूले ने कहा कि इस तरह की भाषा कतई स्वीकार्य नहीं है। उनका सिर शर्म से झुक गया है। इस तरह के व्यवहार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आज इसे स्वीकार कर लिया जाता है जो यह भविष्य के लिए गलत उदाहरण पेश करेगा।

जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन ने कहा कि यह सदन प्रजातंत्र का मंदिर है और यहां बैठकर कोई महिलाओं का अपमान करे यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने भी सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

निर्दलीय सदस्य नवनीत राणा ने कहा कि कोई अपनी मां, बहन के साथ इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करेगा। खान ने कहा कि रमा देवी उनकी छोटी बहन हैं जो छोटी बहन के सामने थोड़ झुककर अपनी गलती स्वीकार कर लेते तो वह और बड़े हो जाते। पहली बार सदन की सदस्य बनीं तृणमूल कांग्रेस की नुसरत जहां ने कहा कि कल जो वह उनके सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकता।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम् की कनिमोई ने कहा कि यह सच्चाई है कि महिलाएं आज भी अपमानित होती हैं, सदन के भीतर भी। उन्होंने कहा कि जब सदन के भीतर महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार होता है तो सदन के बाहर क्या उम्मीद की जा सकती है।

अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने कहा कि गुरुवार को जो हुआ उससे पूरा देश शर्मसार है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त से सख्त कार्रवाई की जरूरत है। बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने कहा कि खान की टिप्पणी लज्जाजनक ही नहीं अक्षम्य भी है। उन्होंने कहा कि सदन में आक्रोश जाहिर कर हम कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कल के दिन को सदन के लिए सबसे काले दिन की संज्ञा देते हुए ऐसी कार्रवाई की मांग की जो मिसाल बन जाए।

ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह सदन के सदस्यों की भावनाओं की इज्जत करते हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि ‘मीटू’ मामले में नाम आने के बाद त्यागपत्र देने वाले पिछली सरकार में मंत्री रहे एमजे अकबर पर मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट कहां है।