-परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले में जल संसाधन नखण्ड के दो खण्ड कार्यरत हैं। एक सिरोही तो दूसरा जवाई। दोनों खंडों के मुख्यालय दो जिलों में है। सिरोही विधानसभा के शिवगंज तहसील के जवाई खण्ड में होने से शिवगंज तहसील में प्रस्तावित करीब 7 योजनाएं न तो परवान चढ़ पा रही हैं और न ही इन पर कभी चर्चा हो पा रही है।
जवाई खण्ड के सिरोही जिले के क्षेत्र को यदि सिरोही जल संसाधन खण्ड के अधीन करवा दिया जाए तो ये काम गति पकड़ सकता है। वैसे राजनीतिक इच्छा शक्ति हो तो जवाई खण्ड में रखकर भी ये परियोजनाएं परवान चढाई जा सकती है।
-ये क्षेत्र आते हैं जवाई खण्ड में
सिरोही जिले में सिरोही के कृषि विज्ञान केंद्र से लेकर शिवगंज तंक का इलाका आता है। एक तरह से पूरी शिवगंज तहसील इसका हिस्सा है। यहाँ सिरोही जंजाल संसाधन खण्ड का कोई हस्तक्षेप नहीं है। जवाई बांध का क्षेत्र ही इतना बड़ा है कि उस खण्ड के अधिकारी उससे बाहर उबर नहीं पाते। ऐसे में शिवगंज तहसील से निकलने वाले लूणी बेसिन का पानी व्यर्थ बहकर जालोर सांचोर होता हुआ समुद्र में समा जाता है।
-ये परियोजनाएं बन सकती है संकटमोचक
सिरोही के पूर्व विधायक ओटाराम देवासी ने अपने प्रथम कार्यकाल में अंगोर बांध को लेकर राजास्थान विधानसभा में प्रश्न उठाया था। उसमें राज्य सरका ने बताया था कि सिरोही जिले का पानी को सिरोही में ही रोकने की कौनसी योजनाएं प्रस्तावित हैं। जिनमे लूनी बेसिन की ही करीब 7 परियोजनाएं हैं।
–सबसे बड़ी देवा बांध परियोजना
लूनी बेसिन में शिवगंज तहसील में सबसे बड़ी प्रस्तावित परियोजना देवा बांध परियोजना है। इसकी भराव क्षमता 270 mcft और सिंचित क्षेत्र करीब 950 हेक्टेयर है।इसके अलावा खेजड़िया, मोचाल, आल्पा, गोल, और धवल परियोजनाएं हैं जिनसे करीब 235 mcft पानी को रोक जा सकता है। इसके अलावा इस बेसिन में कई एनीकटों द्वारा करीब 90 mcft पानी रोके जाने की योजनाएं भी प्रस्तावित हैं।
-इनका कहना है…
शिवगंज तहसील हक़ी कोई योजना सिरोही जल संसाधन खण्ड के पास नहीं है। शिवगंज तहसील के लूनी बेसिन का क्षेत्र जवाई जल संसाधन खण्ड में पड़ता है। जो प्रक्रिया होगी वहीं से होगी।
प्रकाश कुमार
अधिशासी अभियंता, जल संसाधन खण्ड, सिरोही।