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hindu kajri teej pooja vidhi and important points - Sabguru News
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क्या आपने कजरी तीज में 7 रोटियां बना कर गुड़ और चने के साथ गाय को खिलायी ?

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क्या आपने कजरी तीज में 7 रोटियां बना कर गुड़ और चने के साथ गाय को खिलायी ?
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भारत देश है ना स्वाभाविक सी बात है कि पर्व तो होगा ही है। चाहे वह केरल हो दिल्ली हो या कोई और देश। भारत वासी है हम, त्योहार इच्छुक होकर मनाना हर किसी को पसंद है । आज हम यहां तीज के बारे में बात करने जा रहे हैं, यह पर्व प्रमुख रूप से सावन के महीने में आता है। यह पर्व हिन्दू नारियां मनाती हैं। यह एक ऐसा व्रत है जो स्त्रियां अपने पति के लंबी उम्र के लिए रखी जाती हैं।यह व्रत शिव की स्तुति करते हुए रखा जाता है। शिव की पूजा करके स्त्रियां नाच गाने के साथ मनाया जाता है ।तीज अनेक कारणों से स्त्रियां रखती है।

एक तो अपने पति के लंबी उम्र के नाते रखे जाते हैं तो दूसरी ओर अपने लिए सुन्दर सी पति मिलने के लिए भी रखी जाती है। तीज के भी अनेक प्रकार होते हैं जैसे हरियाली तीज, सावन सुदी तीज, कजरी तीज, भादो बदी तीज आदि। तीज का पर्व प्रमुख रूप से जुलाई, अगस्त सितंबर के महीने में मनाया जाता है। कजरी तीज के बात करें तो कजरी तीज को हम कजली तीज भी कहा जाता है। कजरी तीज हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 5 माह भादो कृष्ण पक्ष के दिन को ही मनाया जाता है । कजरी तीज हिंदू विवाहित स्त्रियों की विशेष त्योहार है।

यह पर्व 10 अगस्त को ही मनाया जाता है । अन्य‌ तीज की तरह इसका भी अपना महत्व है। हमारे देश में शादी का बंधन सबसे अटूट बंधन माना जाता है। आज भी ऐसा ही है।साथ ही साथ तीज एक ऐसा त्यौहार है जो ज्यादातर शादीशुदा स्त्रियां ही रखती है। पति-पत्नी की रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए ही यह तीज का व्रत रखा जाता है ।सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखी जाती है जबकि कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने के लिए भी रखी जाती है । कजरी तीज के त्यौहार के मौके पर हर‌ में झूला डाल दिया जाता है ।

झूले में झूलकर स्त्रियां अपनी अपनी खुशियों व्यक्त करती है।इस तीज के अवसर पर स्त्रियां अपनी सहेलियों के साथ मिलकर खुशियां मनाई जाती है। नाच गाना भी होती है।यह व्रत कजरी गाने के बिना अधूरे हैं। ढोलक बजाकर बड़े धूमधाम से स्त्रियां नाच गाने के साथ यह व्रत मनाया जाता है। इस व्रत के दिन गेहूं, चना और चावल के साथ घी डालकर तरह-तरह के पकवान भी बनाते हैं ।शाम को चंद्रोदय के बाद कजरी व्रत में बनाने वाले पकवान खाकर ही व्रत तोड़ते हैं ।विशेष रूप से इस दिन में गाय की पूजा की जाती है। 7 रोटियां बना कर गुड़ और चने के साथ गाय को खिलाया जाता है और इसके बाद स्त्रियां अपने व्रत तोड़ती हैं।

हमारे प्रांत में हमारे देश में हर एक उत्सव को अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,राजस्थान बिहार जैसे अनेक देशों में कजरी तीज मनाया जाता है ।उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग नाव पर चढ़कर कजरी तीज मनाया जाता है तो वाराणसी के मिर्जापुर में बड़े हर्षोल्लास के साथ यह व्रत मनाया जाते हैं । वे तीज के गानों को बारिश के गीतों के साथ गाते है। राजस्थान में यह पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाते हैं। उस दिन ऊंट और हाथी की सवारी भी की जाती है। इस प्रकार कहे तो कजरी तीज हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है।