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जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर विपक्ष का लोकसभा से बहिर्गमन - Sabguru News
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जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर विपक्ष का लोकसभा से बहिर्गमन

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जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर विपक्ष का लोकसभा से बहिर्गमन

नई दिल्ली। विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम् (द्रमुक) के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने, अनुच्छेद 35ए को हटाने और राज्य में कई पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत विपक्षी दलों के नेताओं को उनके घरों में नजरबंद करने के विरोध में सोमवार को लोकसभा में दिन भर हंगामा किया और शाम साढ़े चार बजे के बाद सदन से बर्हिगमन किया।

सरोगेसी (नियमन) विधेयक, 2019 पर चर्चा के दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को यह मुद्दा उठाने की अनुमति दी। सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर कैदखाना बन चुका है। पिछले कई दिनों से वहां ऐसी हलचल हो रही है जो पहले कभी नहीं हुई। अमरनाथ यात्रियों को (दर्शन के लिए) नहीं जाने दिया गया। एनआईटी बंद है। इंटरनेट बंद है। सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर वहाँ क्या हो रहा है, क्या पाकिस्तान के साथ जंग शुरू हो गयी है।

तृणमूल के सौगत रॉय ने कहा कि सरकार की ओर से बयान की मांग की। उन्होंने कहा कि कश्मीर जल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके घरों में बंद कर दिया गया है। इस ज्वलंत मुद्दे पर प्रधानमंत्री की ओर से बयान हमारा अधिकार है। हम जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं।

द्रमुक के टीआर बालू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। अमरनाथ यात्रियों और घूमने के लिए वहां गए लोगों को वापस लौटने के लिए कहा गया। इस तरह के अनुचित कदम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। आज का दिन एक काला धब्बा है।

सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल कुछ कहने के लिए खड़े हुए लेकिन उनकी बात सुने बिना कांग्रेस, तृणमूल और द्रमुक के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। मेघवाल ने कहा कि सुबह शून्यकाल के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सदन में बयान देने के लिए तैयार थे, लेकिन उस समय विपक्षी सदस्य उनकी बात सुनने के लिए राजी नहीं हुए और हंगामा करने लगे। उन्होंने कहा कि सरकार संसद का महत्त्व समझती है और इसलिए वह जम्मू-कश्मीर से संबंधित विधेयक और संकल्प को सदन में लेकर आई है।

सदन में जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019, अनुच्छेद 370 को हटाने के संकल्प और जम्मू कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 की संयुक्त चर्चा में भाग लेते हुए शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भूंदर ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए देश सबसे पहले है। वह इस विधेयक का समर्थन करते हैं। कश्मीर की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले लोगों में पंजाब के लोग सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश को तोड़ना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए उनकी पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है।

भारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करने वाले लोगों के निहित स्वार्थ हैं। इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार के कदमों से मध्यस्थता की जरुरत खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि वास्तव में समस्या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर है। सरकार को इस दिशा में भी कदम बढ़ाना चाहिए।

बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि यह विधेयक बेहतरी की दिशा में एक कदम है। अनुच्छेद 370 कश्मीर को भारत से विभाजित करता है। इस विधयेक से यह दूरी खत्म हो गई है। उन्हाेंने कहा कि चीन की सीमा से सटे लद्दाख की आर्थिक मजबूती बहुत जरुरी है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसे किया जाना चाहिए।

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