देशभक्ति-मुक्तक :
बच्चों का बचपन नयनों का , नूर विलख कर रोता है ।।
भारत माँ का सपना सैनिक , दूर विलख कर रोता है ।।
तीन रंग का झुका तिरंगा , हुई सहादत सैनिक की ।।
सुन्दर विधवा नारी का , सिंदूर विलख कर रोता है ।।
खाने को कुछ नही मिलेगा ,
खुद ताकत नम हो जायेगी ।।
हम तुम दोनों साथ रहेंगे ,
तो पैदा दम हो जायेगी ।।
मुश्लिम जन संख्या की चिंता ,
मत करना राजू भैया ।।
एक मिसाइल छोडूंगा तो ,
आवादी कम हो जायेगी ।।
इमरान पर हमला बोला , मोदी जी ने माइक से।
पहला ट्रेलर दिया था मैंने , सर्जिकल स्ट्राइक से ।।
आतंकी ग़द्दारों का , भारत से पानी बन्द किया ।।
अब उसका मरना तय होगा , सब्जिक्ल स्टाराइक से ।।
लातों के ये भूत भले ,मानेगे कैसे बातों से ।।
हो गई चौकस सारी दुनिया ,इन आतंकी जातों से ।।
मेरे डर से मौत भागती , तेरी तो औकात ही क्या ।।
तुम जैसे कायर कुत्तों को ,मरना मेरे ही हाथों से ।।
कवि कृष्ण कुमार सैनी “राज”