Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Chandrayaan-2 will reach lunar orbit on Tuesday - Sabguru News
होम Karnataka Bengaluru चंद्रयान -2 कल सुबह करीब 9.30 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा

चंद्रयान -2 कल सुबह करीब 9.30 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा

0
चंद्रयान -2 कल सुबह करीब 9.30 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा
Chandrayaan-2's first de-orbiting process successfully completed
Chandrayaan-2 will reach lunar orbit on Tuesday
Chandrayaan-2 to enter Moon orbit around 9.30am tomorrow

बेंगलुरु | चाँद पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रयान-2 मंगलवार को चंद्रमा की कक्षा में पहुँच जायेगा। 

चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई को दोपहर बाद 2.43 बजे आँध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया था। पहले 22 दिन पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के बाद 14 जुलाई को तड़के 2.21 बजे इसकी छह दिन की चंद्र यात्रा शुरू हुई थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि चंद्रयान 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुँच जायेगा।

पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा के सीधे रास्ते से चंद्रमा की वक्र कक्षा में इसे स्थापित करने की जटिल प्रक्रिया को सुबह 8.30 बजे से 9.30 बजे के बीच अंजाम दिया जायेगा। इसके लिए चंद्रमा के पास पहुँचने पर चंद्रयान के लिक्विड इंजन को चालू कर चंद्रयान की दिशा बदली जायेगी। आरंभ में इसे 118 किलोमीटर गुणा 18,078 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित किया जायेगा।

इसके बाद 21 अगस्त, 28 अगस्त, 30 अगस्त और एक सितंबर को इसकी कक्षा में चार बार बदलाव किये जायेंगे। एक सितंबर को आखिरी बदलाव के बाद चंद्रयान 114 किलोमीटर गुणा 128 किलोमीटर की वक्र चंद्र कक्षा में पहुँच जायेगा। चंद्रयान के तीन हिस्से हैं -ऑर्बिटर, विक्रम नाम का लैंडर और प्रज्ञान नाम का रोवर। विक्रम और उसके साथ जुड़ा रोवर 02 सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जायेगा और 03 सितंबर को इनकी गति कम की जायेगी।

मिशन का सबसे महत्वपूर्ण दिन सात सितंबर को होगा जब लैंडर चंद्रमा की कक्षा से उसकी सतह की ओर उतरना शुरू करेगा और अंतत: चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के क्षेत्र में उतरेगा। चंद्रमा पर उतरने के बाद रोवर भी विक्रम से अलग हो जायेगा और 500 मीटर के दायरे में घूम कर तस्वीरें अन्य जानकारी एकत्र करेगा। 

यह मिशन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आज तक कोई और देश नहीं पहुँच पाया है। वैज्ञानिकों के लिए यह क्षेत्र बिल्कुल अछूता रहा है और वहाँ से मिलने वाली जानकारी चंद्रमा के बारे में इंसानी समझ को सिरे से बदल भी सकती है। इस मिशन में काफी नयी जानकारियाँ मिलने की उम्मीद है।