नयी दिल्ली | पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि पिछले कुछ सालों से बढ़ते सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, असहिष्णुता और हिंसक अपराध की अप्रिय घटनाओं की बढ़ती प्रवृत्ति दिखाई दे रही है जो देश की राजनीति के लिये नुकसानदेह है।
गांधी ने मंगलवार को यहां पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर उनके योगदान को याद करते हुये यह बात कही। सिंह ने कहा कि कुछ समूह देश में नफरत की भावनाओं को फैला रहे हैं और भीड़ कानून को अपने हाथ में ले रही है। यह न केवल चिंता की बात है बल्कि इससे देश कमजोर ही होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनायें राष्ट्रीय एकता, अखंड़ता तथा साम्प्रदायिक सौहार्द के खिलाफ है।
सिंह ने दिवंगत राजीव गांधी की इन पंक्तियों को उद्धृत करते हुये कहा, “ देश की एकता एवं अखंड़ता से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। भारत एक अविभाज्य देश है और धर्मनिरपेक्षता हमारे राष्ट्रवाद की रीढ़ है। यह सहिष्णुता से अधिक मायने रखती है। कोई भी धर्म नफरत और असहिष्णुता नहीं सिखाता। घरेलू और बाहरी ताकतें देश को विभाजित करने के लिये हिंसा और साम्प्रदायिक तनाव को फैलाने की कोशिशें कर रही हैं।”
पूर्व प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि गांधी के मूल्य दरअसल वहीं मूल्य थे जिससे राष्ट्रवाद परिभाषित होता था जिसमें एक धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण था। साथ ही सहिष्णुता की भावना थी और साम्प्रदायिक सद्भाव के लिये प्रतिबद्धता थी।
उन्होनें ये भी कहा कि गांधी को याद करना केवल उनके व्यक्तित्व एवं उनके योगदान को मात्र याद करना भर नहीं है बल्कि उनके मूल्यों को पालन करना भी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गांधी ने 21वीं सदी में देश को एक आधुनिक प्रगतिशील एवं वैज्ञानिक दृष्टि वाला राष्ट्र बनाया। इसके अलावा गांधी ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार के माध्यम से जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की और शिक्षा में काफी सुधार किया। साथ ही मिजोरम में उग्रवाद को भी समाप्त किया। इसी प्रकार उन्होंने चीन के साथ संवाद की प्रक्रिया भी शुरू की। इस अवसर पर सिंह ने कुछ बुद्धिजीवियों एवं जानी-मानी हस्तियों को गांधी स्मृति पुरुस्कार प्रदान किये।