इस्लामाबाद | पाकिस्तान ने कहा है कि वह काफी अर्से से लंबित कश्मीर विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बावजूद करतारपुर गलियारे को खोलने की अपनी योजना पर अडिग है। पाकिस्तान स्थित करतारपुर में सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव की 550 प्रकाशोत्सव पर यह गलियारा नवंबर में खोला जाना है। इस गलियारे के खुल जाने से भारत की तरफ से सिख पाकिस्तान स्थित अपने पहले गुरु के इस धार्मिक स्थल पर बिना वीजा के दर्शन करने जा सकेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने मंगलवार को साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि करतारपुर गलियारे को लेकर बैठक जल्दी ही होगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नवंबर में बाबा गुरुनानक देव की 550 वीं जन्मतिथि पर इस गलियारे को भारत के सिख श्रद्धालुओं के लिए खोलने को प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से आने वाले सिख श्रद्धालुओं के इस पवित्र गुरुद्वारे के दर्शन की अनुमति देने की पहली के तहत पाकिस्तान की तरफ से बनाये जाने वाले गलियारे का काम पिछले साल शुरू किया था। यह धार्मिक स्थल सीमा से कुछ किलोमीटर दूर पाकिस्तान में स्थित है। गुरुद्वारे तक सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति का प्रस्ताव है।
भारत के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म किए जाने और राज्य को दो हिस्सों में विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर बनाने के फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया। इसके बाद से यह सवाल खड़े होने लगे थे कि क्या करतारपुर गलियार प्रस्तावित योजना के तहत खुलेगा या नहीं।
भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों को कम करने और द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने के पाकिस्तान का कहना है कि वह इस गलियारे को प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत खोलने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी यह हालांकि स्पष्ट नहीं है कि क्या भारत भी परियोजना को लेकर पहले के प्रस्ताव पर अडिग है अथवा नहीं।
प्रवक्ता ने संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने अभी विश्व बैंक की मध्यस्थता वाली इंदुस जल संधि का नवीनीकरण नहीं किया है। दोनों देशों के बीच रेल और बस मार्ग संपर्क बंद किए जाने के बाद भारतीय के फंसे होने के सवाल पर डॉ फैसल ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान में किसी भारतीय नागरिक के होने के बारे में जानकारी नहीं है ।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार डॉ फैसल ने कहा, “यदि कोई भारतीय नागरिक पाकिस्तान में है तो हम उसे सुविधा देने के लिए तैयार है। वाघा बार्डर खुला है और वह पैदल चलकर सीमा पार कर सकता है।”