भीलवाड़ा। भीलवाड़ा की सुभाषनगर और भीमगंज थाना पुलिस के दो महीने पुराने ऑनलाइन सट्टा और नशीली दवा प्रकरण में जांच अधिकारी (थाना प्रभारियों) द्वारा किए गए घालमेल और चौथवसूली को लेकर डीजीपी द्वारा कराई गई विजिलेंस की जांच में भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाये जाने पर सुभाषनगर थाना प्रभारी अजयकांत शर्मा रतूड़ी और भीमगंज थाना प्रभारी भूपेश शर्मा को सोमवार को निलंबित कर दिया। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी की जाएगी। एक साथ जिले के दो थानाप्रभारियों के निलंबन के बाद पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। वहीं अब इन दोनों पुलिस अधिकारियों के सहयोगियों पर भी कार्रवाई को लेकर अटकले शुरू हो गई।
पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव ने बताया कि आनलाइन क्रिकेट सट्टे और प्रतिबंधित नकली दवा के मुकदमे में अनियमितता बरतने और लोगों को मुकदमे में फंसाने की धमकियां देकर अवैध वसूली करने की सीआई अजयकांत शर्मा व एसआई भूपेश शर्मा के खिलाफ शिकायत मिली थी जिसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) नारायण टोंगस ने की थी।
जांच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर दोनों को सोमवार को निलंबित कर दिया। डीजीपी यादव ने बताया कि दोनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी। साथ ही इस मामले मेें और भी सहयोगी रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। वहीं जांच अधिकारी एएसपी टोंगस का कहना है कि अभी इस मामले की जांच जारी है।
भ्रष्टाचार की सारी हदें पार
डीजीपी द्वारा कराई गई विजिलेंस की जांच में सामने आया कि सुभाषनगर थाना प्रभारी अजयकांत शर्मा रतूड़ी ने 22 फरवरी 2019 को 7 लाख कीमती प्रतिबंधित नशीली दवा की खैप पकड़ी थी यह खैप आगरा से बस के जरिये भीलवाड़ा पहुंची थी। बस गंगापुर चौराहे पर जहां रूकी वह एरिया प्रतापनगर थाना क्षेत्र का था लेकिन मामले को सुभाषनगर थाना प्रभारी अजयकांत शर्मा ने गायत्री आश्रम के पास का बताकर मुकदमा सुभाषनगर थाने में दर्ज किया।
इस मामले में पुलिस ने दो थोक दवा के व्यापारियों को भी गिरफ्तार किया था, साथ ही ट्रेवल्स संचालक को भी अवैध वसूली के लिए 30 घंटे तक हिरासत में रखा और उसे पैसे के लिए टॉर्चर किया। बाद में पुलिस ने पैसे देने पर उसे छोड़ दिया। इसकी शिकायत ट्रेवल्स एजेंसी संचालक ने डीजीपी को की थी और सबूत भी पेश किए थे।
इसी मामले में विजिलेंस जांच में सीआई शर्मा दोषी पाए गए और उन पर निलंबन की गाज गिरी। इस मामले में सीआई शर्मा के साथ पुलिस के कुछ और भी अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है। इसकी अभी जांच जारी है।
ऑनलाइन सट्टे के मामले को ही कर दिया गोलमाल
भीमगंज थाना पुलिस ने 12 फरवरी,2019 को आनलाइन क्रिकेट सट्टे व हवाले के कारोबार का भंड़ाफोड़ करते हुए तीन जनों को गिरफ्तार कर 19 लाख रूपए नकद, दो लग्जरी गाड़ियां व 21 मोबाइल बरामद कर इस मामले को प्रदेश में भीलवाड़ा पुलिस की इस तरह की पहली बड़ी कार्यवाही बताते हुए खुद ही अपनी पीठ थपथपाई थी साथ ही इस मामले को अन्तर्राज्यीय आनलाइन क्रिकेट सट्टा बताते हुए सौ जनों की चेन (आईडी) होने का दावा किया था। लेकिन पुलिस ने मामले में बाद में कोई गिरफ्तारियां नहीं की।
विजिलेंस जांच में यह सामने आया कि आईडी लेने वालों को धमकी और मुकदमे में गिरफ्तार करने की बात कहकर जमकर अवैध वसूली की थी। इस मामले की भी शिकायत डीजीपी को हुई। डीजीपी ने बाद में दोनों मामलों की जांच एएसपी (सतर्कता) नारायण टोंगस को दी थी। टोंगस की जांच में थाना प्रभारी भूपेश शर्मा दोषी पाए गए। इस पर उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की।
यहां खास बात यह भी है कि अजयकांत अजमेर के रामगंज थाने में भी सीआई रह चुका है जबकि जांच अधिकारी टोंगस अब अजमेर के एएसपी हैं। खुद पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव भी अजमेर के ही हैं।