श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में छह अगस्त को सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष के दौरान घायल हुए युवक की बुधवार को मृत्यु हो जाने के बाद यहां के कई इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध फिर लगा दिए गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मृत युवक इलाहिबाग का निवासी है। उसे छह अगस्त को गंभीर रूप से घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज उसकी माैत हो गयी।
युवक की मृत्यु के बाद अधिकारियों ने एहतियातन श्रीनगर के मुख्य इलाकों समेत शहर-ए-खास और बाहरी इलाकों की तरफ जाने वाले सभी मार्गों को कंटीली तारों से बंद कर दिया है तथा लोगों को अपने घरों के भीतर रहने के लिए कहा है।
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को पांच अगस्त को हटाए जाने लगभग एक महीने बाद भी ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे बंद रखे गए हैं।
अधिकारियों ने युवक की मौत की खबर के बाद से श्रीनगर के मुख्य इलाके तथा शहर-ए-ख़ास के पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। युवक की मौत को लेकर किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए सौरा तथा अंचार क्षेत्रों में प्रतिबंध लगा दिये गए हैं।
सरकारी वाहनों से कर्फ्यू के लागू होने और लोगों को घरों के भीतर रहने की हिदायत संबंधी घोषणाएं की जा रही हैं। नल्लाहोर इलाके की मुख्य रोड पर पैदल और वाहनों के आवागमन को रोकने के लिए कंटीली तारों तथा बुलेट प्रूफ वाहन को लगाया गया है और इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गयी है जो लोगों को घरों के भीतर रहने के निर्देश दे रहे हैं।
श्रीनगर की मुख्य सड़कों तथा सिविल लाइन्स क्षेत्र की तरफ आने वाले लोगों को सुरक्षा बल वापस जाने के लिए निर्देश दे रहे हैं।
अलगाववादी नेता मीरवाइज़ मौलवी उमर फारूक के मजबूत गढ़ माने जाने क्षेत्र स्थित जामिया मस्जिद को भी पांच अगस्त से बंद रखा गया है। साथ ही मीरवाइज समेत सईद अली शाह गिलानी को नज़रबंद रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को पूरे कश्मीर समेत शहर-ए-ख़ास इलाके में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए थे। कई जगहों में क्षेत्रानुसार प्रतिबंधों में ढील दी गयी थी और दो सप्ताह बाद हालांकि प्रतिबंध हटा भी दिए गए थे लेकिन कई इलाकों में चार से अधिक लोगोंं केे एकत्र होने से रोकने के लिए धारा 144 अभी भी लगा रखी है।