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वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में निधन - Sabguru News
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वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में निधन

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वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में निधन

नई दिल्ली। जाने-माने अधिवक्ता और अटल बिहारी सरकार में शहरी विकास तथा कानून मंत्री रहे राम जेठमलानी का रविवार सुबह यहां उनके आवास पर निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे और काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।

उनके एक पुत्र महेश जेठमलानी उच्चतम न्यायालय के एक मशहूर अधिवक्ता है। परिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम लोदी रोड़ स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा।

उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांगेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया।

कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जाने-माने अधिवक्ता राम जेठमलानी के अचानक निधन से दुखी हूं। वह विशिष्ट वाकपटुता के साथ सार्वजनिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे। राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित न्यायविद और महान विद्वान को खो दिया है।

नायडू ने कहा कि राम जेठमलानी का निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति है। मैंने अपना मित्र और निकट सहयोगी खो दिया है। ईश्वर उन्हें आशीर्वाद दें और हम सबको यह दुःख वहन करने के लिए धैर्य दें।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि राम जेठमलानी जी के निधन से भारत ने एक असाधारण अधिवक्ता और प्रतिष्ठित जनसेवक खो दिया, जिसने अदालत और संसद में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह विनोदी स्वभाव के और साहसी व्यक्ति थे तथा कभी भी किसी भी विषय पर दृढ़ता से अपने विचार को रखने से नहीं कतराते थे।

मोदी ने कहा कि जेठमलानी जी की सबसे अच्छी खूबियों में से एक खूबी यह थी कि वह अपनी बात बिना किसी भय के व्यक्त करते थे। आपातकाल के काले दिनों के दौरान उनकी दृढ़ता और आम लोगों की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को हमेशा याद रखा जाएगा। जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था।

राम जेठमलानी देश के सबसे तेज-तर्रार और सीनियर वकीलों में से एक थे और कईं बार केस लड़ने को लेकर वह विवादों में भी रहे। जेठमलानी छह बार राज्यसभा सांसद रहे और मुंबई से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए।

वह वाजपेयी सरकार में शहरी विकास मंत्री और कानून मंत्री रहे थे। अपने आठ दशकों के अधिवक्ता करियर में उन्होंने कईं विवादित केस भी लिए जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या में फांसी की सजा पाए सतवंत सिंह और केहर सिंह का केस, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में दोषी वी श्रीहरिहरन उर्फ मुरुगन का केस काफी चर्चित रहा था।

इसके अलावा मुंबई के अंडरवर्ल्ड डान हाजी मस्तान और गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह -सोहराबुद्दीन फर्जी एन्काउंटर केस में राम जेठमलानी ने शाह की पैरवी की थी।

उनके प्रमुख केसों में संसद पर हमले करने में मास्टरमाइंड अफजल गुरु का केस, बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू का केस भी शामिल है।