जेनेवा। भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि पड़ोसी देश कभी भी अपने कुटिल और नापाक मंसूबों को अमली जामा पहनाने में सफल नहीं होगा क्योंकि देश सहष्णुता एवं विभिन्नता में एकता के लोकतंत्र के मूल मंत्रों के साथ क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखे के प्रति कटिबद्ध है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने संयुत राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की 42वीं बैठक को मंगलवार को संबोधित करते हुए यह बात कही। आर्यन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के अन्य भाग की तरह प्रगति और समृद्धि के रास्ते पर अग्रसर रहेंगे। उन्होंने इस फोरम में जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केन्द्र है। वह भूल रहा है कि आतंकवाद मानवाधिकार के उल्लंघन का सबसे बड़ा रूप है।
आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान ने आज अपने सभी बयानों में जमकर भारत के खिलाफ गलत बयानबाजी की है। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के मंसूबे को और आगे बढ़ाने के कुटिल प्रयासों के तहत ऐसा कर रहा है। हम उसके इस प्रोपेगेंडा काे अस्वीकार करते हैं।
आर्यन ने कहा कि अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का अस्थायी प्रावधान था। हाल में अनुच्छेद 370 को संवैधानिक अधिकार के तहत समाप्त किया गया है और यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। इस फैसले से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों खास कर महिलाओं, बच्चों और समाज के वंचित वर्ग के लोगों के नागरिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों के रास्ते में बाधाओं को दूर किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि यूएनएचआरसी के राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण के उद्देश्य से पाकिस्तान की ओर से की जा रही झूठी, बेतूकी और मनगढ़ंत बयानबाजी से भारत को बिल्कुल आश्चर्य नहीं हुआ है। पाकिस्तान को यह अच्छी तरह मालूम है कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से सीमा पार आतंकावाद की गतिविधियों को अंजाम देने के उसके रास्ते में बाधा उत्पन्न हो गई है।
इससे बैखलाये पाकिस्तान के कुछ नेताओं ने जनसंहार का जहरीला तानाबाना बुनने के लिए जिहाद का नारा दिया है ताकि जम्मू-कश्मीर और तीसरी दुनिया में हिंसा को बढ़ावा मिल सके। पाकिस्तान को यह मालूम है कि उसके आरोपों में तनिक भी सच्चाई नहीं है।
आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान आज मानवाधिकारों पर वैश्विक समुदाय की आवाज के रूप में बोलने ढोंग कर रहा है। लेकिन वह दुनिया को मूर्ख नहीं बना सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यह बयानबाजी पाकिस्तान में इसाईओं, सिखों, शिया मुसलमानों तथा हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्यचारों पर पर्दा नहीं डाल सकती है और यही कारण है कि वह अल्पसंख्यकों के बारे में आधिकारिक आकड़ों को दुनिया के सामने नहीं लाता है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान में सिख युवती के अपहरण और फिर धर्म परिवर्तन की घटना इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान में महिलाओं की क्या दुर्दशा है और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाओं की महिलाओं के साथ किस तरह अत्याचार होता है।
इसके अलावा भारतीय राजनयिक ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाएं जाने काे लेकर स्थ्ति स्पष्ट करते हुए इसे भारत का अंदरूनी मामला बताया और कहा कि किसी को भी भारत के आतंरिक मामलों में दखल देने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, था और हमेशा रहेगा।