हरिद्वार पितृ पक्ष शुरू होते ही हरिद्वार के नारायणी शिला में श्रद्धालुआें का अाना शुरु हो गया है। वैसे तो पितृ पक्ष में कही भी श्राद्ध किया जा सकता है लेकिन हरिद्वार के प्राचीन मंदिर नारायणी शिला में निमित कर्मकांड करने से पितरों को मुक्त मिलती है।
मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य मनोज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में हरिद्वार के नारायणी शिला पर निमित कर्मकांड करने से पितरों को मुक्ति मिलती है। यहां श्राद्ध और दान का विशेष महत्व है।
त्रिपाठी ने बताया कि जो भी व्यक्ति अपने पितरों के निमित श्राद्ध करता है वह हर प्रकार से संपन्न होकर सुखी रहता है और रोग आदि से मुक्त रहता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास कुछ नहीं है और समक्ष नहीं है तो भी व्यक्ति पितरों के निमित श्राद्ध रखें। गाय को भोजन करा दे, किसी ब्राहम्ण को दान दें। सूर्य नारायण को अधर्य देकर पितरों को प्रार्थाना कर लें।
ऐसी मान्यता है कि हरिद्वार में नारायणी शिला में इन दिनों पितरों के निमित्त पूजापाठ दान हवन और श्राद्ध करने से मृतकों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अकाल मृत्यु को प्राप्त करने वालों के निमित्त यदि यहां दान पुण्य पूजा हवन और पिंड दान किया जाए तो मृतकों कि आत्मा को शांति मिलती है। इन 16 दिनों के लिए पितृ पृथ्वी पर आते है।