चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी एस नलिनी की 51 दिनों की पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद रविवार को वह वेल्लोर सेंट्रल जेल में पुन: आ गई।
मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को नलिनी की पैरोल की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद रविवार को वह दोबारा जेल में आ गई।
जेल और पुलिस अधिकारी उसे कड़ी सुरक्षा के बीच साथुवाचारी के एक घर से वापस जेल लेकर आए। साथुवाचारी के एक घर में रहकर वह अपनी बेटी की शादी की तैयारी कर रही थी। नलिनी को उसके परिजनों ने विदा किया।
नलिनी ने अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था के लिए पैरोल की अवधि 15 अक्टूबर तक बढ़ाने की अपील की थी। उसे पहले 25 जुलाई को एक माह का पैरोल दिया गया था जिसे 22 अगस्त को तीन सप्ताह बढ़ाकर 19 सितंबर तक कर दिया गया था। उसने इस अवधि को 15 अक्टूबर तक करने की याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति आरएमटी टीक्का रमन की खंडपीठ ने उसकी पैरोल अवधि यह बढ़ाने से इनकार कर दिया था कि पर्याप्त अवकाश दे दिया गया है।
खंडपीठ ने कहा कि हमने पर्याप्त अवकाश दे दिया है और अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। हम नियम से परे जाकर अवकाश की अवधि बढ़ाना जारी नहीं रख सकते।
नलिनी ने पैरोल के और विस्तार के लिए बुधवार को दायर अपनी याचिका में कहा कि अदालत ने उसे एक महीने का सामान्य अवकाश दिया है जबकि उसे अपनी बेटी की शादी की तैयारियां करनी हैं जो ब्रिटेन में रहती है।
पेरौल मिलने के बाद नलिनी अपनी मां के साथ वेल्लोर में सथुवाचारी में रहकर शादी की व्यवस्था करने के लिए काम कर रही थी। लेकिन नलिनी की सास के वीजा से संबंधित मामले में हो रही देरी के कारण अब तक कुछ भी नहीं हो सका है।
चूंकि उसके ससुर कैंसर के मरीज हैं, इसलिए उनके सारे इंतजाम करने के लिए सास को हमेशा उनके साथ रहना होता है। नलिनी ने कहा कि उसकी सास को वीजा मिल जाएगा और सितंबर के तीसरे सप्ताह तक उनके पहुंचने की संभावना है। उसने इन परिस्थितियों में साधारण अवकाश की अवधि बढ़ाकर 15 अक्टूबर तक करने की गुहार लगाई।
हालांकि उसने इस संबंध में वेल्लोर जेल के अधिकारियों को चार सितंबर को एक प्रतिनिधित्व दिया था जिसे पांच सितंबर को खारिज कर दिया गया। इसके बाद ही वर्तमान याचिका दायर की गई है।
नलिनी को बेटी की शादी की व्यवस्था करने के लिए 25 जुलाई को एक महीने की पैरोल (साधारण अवकाश) दिया गया था। पैरोल देते समय, अदालत ने एक शर्त रखी कि नलिनी इस दौरान किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं से नहीं मिलेगी और न ही किसी मीडिया को कोई साक्षात्कार दे पाएगी।