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SC court allowed Ghulam Nabi Azad and Tarigami allowed to go to Kashmir - Sabguru News
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सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आजाद और यूसुफ तारिगामी को दी जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत

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सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आजाद और यूसुफ तारिगामी को दी जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत
Supreme court allows Ghulam Nabi Azad and Yusuf Tarigami to visit Jammu and Kashmir
Supreme court allows Ghulam Nabi Azad and Yusuf Tarigami to visit Jammu and Kashmir
Supreme court allows Ghulam Nabi Azad and Yusuf Tarigami to visit Jammu and Kashmir

नयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने जम्मू -कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने से उत्पन्न्न स्थितियों से संबंधित विभिन्न याचिकाओं की सोमवार को सुनवाई करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद और यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज करा रहे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को अपने गृहराज्य जाने की अनुमति दे दी।

इसके साथ ही, अदालत ने राज्य में हालात सामान्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का केंद्र को निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने माकपा नेता सीताराम येचुरी की याचिका पर सुनवाई के दौरान तारिगामी की तबीयत की जानकारी हासिल की। इस दौरान येचुरी के वकील राजू रामचंद्रन ने न्यायालय को अवगत कराया कि तारिगामी को क्यों हिरासत में लिया गया था, इस बारे में केंद्र ने कोई जानकारी नहीं दी है।

पिछले दिनों आजाद जब जम्मू-कश्मीर गये थे तो उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था और उन्हें वापस दिल्ली आना पड़ा था। येचुरी भी बीमार चल रहे तारिगामी को देखने के लिए जम्मू-कश्मीर गये थे लेकिन उन्हें भी हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था और वह भी वापस आ गये थे। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने येचुरी की याचिका पर उन्हें तारिगामी से मिलने की इजाजत दी और नजरबंद तारिगामी को यहां इलाज कराने की अनुमति दी।

रामचंद्रन ने अदालत को बताया कि तारिगामी को जम्मू-कश्मीर भवन से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है, जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें ( तारिगामी को) जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दे दी।

दरअसल, मुख्य न्यायाधीश सुनवाई के दौरान कहा कि तारिगामी की लोकेशन का पता चल गया है, ऐसे में सुनवाई की जल्दी क्या है? न्यायालय ने आजाद को भी अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दे दी। न्यायमूर्ति गोगोई ने पूछा कि तारिगामी को अभी तक जम्मू-कश्मीर भवन में क्यों रखा गया है? अगर उनकी तबीयत ठीक है और वह जाना चाहते हैं तो क्यों उन्हें रोका जा रहा है?

एक अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को राज्य में स्थिति सामान्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने और इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

कश्मीर टाइम्स की सम्पादक अनुराधा भसीन की याचिका की सुनवाई के दौरान एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने राज्य में संचार तकनीक की हालत खराब होने के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि स्थानीय मीडिया को इंटरनेट और टेलीफोन सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। नियमित प्रेस कांफ्रेंस भी हो रही है।

एटर्नी जनरल ने बताया कि कश्मीर में अखबार पांच अगस्त से प्रकाशित हो रहे हैं, दूरदर्शन और कई लोकल टीवी चैनल टेलीकास्ट हो रहे है। इसके अलावा कई रेडियो प्रसारण भी हो रहे है, मीडियाकर्मियों को सारी सुविधाएं दी जा रही हैं।

अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने के खिलाफ कई अन्य याचिकाएं भी दायर की गयी थीं, जिस पर न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि पहले से दायर इस मामले में पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी, ऐसी स्थिति में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को ऐसे ही मामलों में सम्बद्ध किये जाने के लिए याचिका दायर की जानी चाहिए।

राज्य में बच्चों की हालत को लेकर विशेष पीठ ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से रिपोर्ट मंगायी है कि क्या राज्य में न्यायिक व्यवस्था ठप पड़ी है।

न्यायमूर्ति गोगोई ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि उनका दावा गलत होगा तो उन्हें न्यायालय को गुमराह करने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।