देहरादून उत्तराखंड में लगातार डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़ने के बावजूद और विपक्ष द्वारा सरकार की ओर से प्रभावी कदम न उठाने के आरोपों के बाद बुधवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सचिव स्वास्थ्य नितेश झा और महानिदेशक (डीजी) स्वास्थ्य डाॅ. आर. के. पाण्डेय से डेंगू की स्थिति और उस पर हुई कार्यवाही की जानकारी ली।
मौर्य ने निर्देश दिए कि डेंगू पीड़ितों का पूरा ध्यान रखा जाय और उनके उपचार में कोई कोताही नहीं बरती जाय। उन्होंने कहा डेंगू टेस्ट के लिए निजी पैथालाॅजी लैब द्वारा लिए जाने वाले शुल्क और उनकी जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता पर पूरी नजर रखी जाय।
उन्होंने सरकारी स्तर पर अधिक से अधिक निशुल्क जांच केन्द्र स्थापित करने अथवा निशुल्क जांच की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने निजी लैब की जांच रिपोर्ट में डेंगू पाए जाने पर उसका स्थापित मानदंडों के अनुरूप सत्यापन करने के निर्देश भी दिए जिससे लोगों में अनावश्यक भय और चिंता का माहौल न बने।
राज्यपाल ने कहा कि डेंगू से बचाव के तरीकों और डेंगू होने पर उस स्थिति में उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों की जानकारी लोगों को नियमित दी जाय। रोगियों और उनके परिजनों से अच्छा व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और प्रशासन की टीमें पूरा समन्वय बनाकर काम करें।
झा ने राज्यपाल को बताया कि डेंगू के निदान तथा रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। इस वर्ष डेंगू रोग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए देहरादून जिला में तीन और नैनीताल जिला में एक अतिरिक्त निशुल्क डेंगू जांच केन्द्र क्रियान्वित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल के निर्देश के क्रम में अतिरिक्त 12 नये जांच केन्द्र भी स्थापित किये जा रहे हैं जहाँ निःशुल्क जांच की व्यवस्था होगी। वर्तमान में देहरादून में चार (दून चिकित्सालय, कोरोनेशन, गांधी शताब्दी एवं एस.पी.एस. ऋषिकेश), हरिद्वार में एक (मेला चिकित्सालय), नैनीताल में दो (मेडिकल काॅलेज, बेस चिकित्सालय), ऊधमसिंहनगर में एक (जिला चिकित्सालय) और पौडी में एक (जिला चिकित्सालय) जांच केन्द्र संचालित है। डेंगू जांच सुविधा को और सुदृढ़ बनाने के लिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर रक्त नमूने एकत्रित किये जाने तथा प्रयोगशालाओं में निःशुल्क जांच की व्यवस्था की गई है।
झा ने बताया कि देहरादून में विभाग ने लगभग तीन लाख की आवादी में 60 हजार से भी अधिक घरों में जाकर डेंगू के लार्वा पनपने के स्थानों को नष्ट किया तथा लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया। देहरादून में पुलिस विभाग, सिविल डिफेंस, शिक्षा एवं स्वयं सेवी संस्थानों से समन्वय बनाते हुए 100 टीमें बनाकर घर-घर जाकर डेंगू रोग को रोकने एवं जन जागरूकता की कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 01 जनवरी से देहरादून में 2098, हरिद्वार में 104, नैनीताल में 958, पौड़ी में 12, टिहरी में 15, ऊधमसिंहनगर में 72, अल्मोड़ा में आठ, चंपावत तथा रूद्रप्रयाग में एक-एक डेंगू के मामले दर्ज हुए हैं। प्रदेश में डेंगू से अभी तक कुल पांच लोगों की मृत्यु हुई है। पूरे प्रदेश में अस्पतालों में 315 अलग से बिस्तर उपलब्ध कराये गये हैं।