Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Special happy birthday Filmmaker Mahesh Bhatt - Sabguru News
होम Entertainment Bollywood जन्मदिन विशेष: महेश भट्ट के बारे में कुछ अनसुनी बातें

जन्मदिन विशेष: महेश भट्ट के बारे में कुछ अनसुनी बातें

0
जन्मदिन विशेष: महेश भट्ट के बारे में कुछ अनसुनी बातें
There are many changes in the film industry: Mahesh Bhatt
 Birthday Special: Something Unheard About Mahesh Bhatt
Birthday Special: Something Unheard About Mahesh Bhatt

मुंबई बॉलीवुड में महेश भट्ट को एक ऐसे फिल्मकार के रूप में शुमार किया जाता है जिन्होंने अर्थपूर्ण और सामाजिक फिल्में बनाकर दर्शको को अपना दीवाना बनाया है ।

महेश भट्ट का जन्म 20 सितंबर 1949 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता नानाभाई भट्ट फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्मकार थे। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण उनका रूझान भी फिल्मों की ओर हो गया और वह भी निर्देशक बनने का सपना देखने लगे। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह निर्माता-निर्देशक राज खोसला के सहायक के तौर पर काम करने लगे।

महेश भट्ट ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1970 में एक डाक्यूमेंट्री फिल्म ..संकट ..से की। इसके बाद उन्होंने बतौर निर्देशक मंजिले और भी है . विश्वासघात . लहू के दो रंग . नया दौर और अभिमन्यु जैसी कई फिल्में निर्देशित की लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली ।

वर्ष 1982 में महेश भट्ट को फिल्म ..अर्थ ..निर्देशित करने का अवसर मिला। फिल्म में स्मिता पाटिल, शबानी आजमी और कुलभूषण खरबंदा ने मुख्य भूमिका निभाई थी। माना जाता है कि इस फिल्म के जरिये महेश भट्ट ने अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ अपने रिश्ते को दर्शाया था। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इसके साथ ही वह समीक्षको का भी दिल जीतने में सफल रहे । वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ..सारांश.. महेश भट्ट के निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म साबित हुयी।फिल्म में अनुपम खेर और रोहिणी हथगड़ी और सोनी राजदान ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

फिल्म की बेहतरीन पटकथा के लिये महेश भट्ट मास्को फिल्म फेस्टिबल में पुरस्कार से सम्मानित भी किये गये ।

वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ..नाम ..महेश भट्ट निर्देशित अहम फिल्मों में शुमार की जाती है। राजेन्द्र कुमार निर्मित इस फिल्म में संजय दत्त और कुमार गौरव ने अहम भूमिका निभाई थी। यूं तो इस फिल्म के लगभग सभी गीत सुपरहिट साबित हुये लेकिन पंकज उधास की मखमली आवाज में ‘चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है’ गीत आज भी श्रोताओं की आंखो को नम कर देता है ।

वर्ष 1986 से वर्ष 1989 महेश भट्ट के सिने करियर का बुरा वक्त साबित हुआ । इस दौरान उनकी आज .काश .ठिकाना कब्जा जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी लेकिन ये सभी फिल्में टिकट खिड़की पर बुरी तरह से नकार दी गयीं ।

वर्ष 1989 में महेश भट्ट ने अपने भाई मुकेश भट्ट के साथ मिलकर फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और फिल्म ..डैडी ..का निर्माण किया। फिल्म के जरिये महेश भट्ट ने अपनी पुत्री पूजा भट्ट को फिल्म इंडस्ट्री में बतौर अभिनेत्री लांच किया। फिल्म में अपने भावपूर्ण अभिनय से अनुपम खेर और पूजा भट्ट ने दर्शको का दिल जीत लिया और फिल्म को सुपरहिट बना दिया।

वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म ..आशिकी ..महेश भट्ट के सिनेसफर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। फिल्म की सफलता के बाद अभिनेता राहुल राय रातों-रात जवां दिल की धड़कन बन गये। वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म ..सड़क ..महेश भट्ट निर्देशित महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है । फिल्म में संजय दत्त और पूजा भट्ट ने मुख्य भूमिका निभाई थी ।

वर्ष 1991 में ही महेश भट्ट निर्देशित एक और सुपरहिट फिल्म..दिल है कि मानता नही ..प्रदर्शित हुयी। आमिर खान और पूजा भट्ट की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म की कहानी हॉलीवुड फिल्म ..इट हैपेंड वन नाईट ..पर आधारित थी । फिल्म में पूजा भट्ट और आमिर खान ने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शको का दिल जीतकर फिल्म को सुपरहिट बना दिया।

वर्ष 1993 में महेश भट्ट को एक बार फिर से अभिनेता आमिर खान के साथ फिल्म ‘हम है राही प्यार के’ में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में आमिर खान और जूही चावला की जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया था।

वर्ष 1995 में महेश भट्ट ने छोटे पर्दे की ओर भी रूख किया और शोभा डे की कहानी ..स्वाभिमान ..को निर्देशित किया। यह धारावाहिक दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुई। वर्ष 1998 में प्रदर्शित फिल्म ..तमन्ना .महेश भट्ट के निर्देशन में बनी महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है।

वर्ष 1998 में महेश भट्ट की एक और सुपरहिट फिल्म ..जख्म .प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म के जरिये महेश भट्ट ने अयोध्या के बावरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुंबई में हुये दंगों में एक परिवार की त्रास्दी को रूपहले पर्दे पर पेश किया था । फिल्म में अपने बेहतरीन अभिनय के लिये अजय देवगन को जहां सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया वहीं महेश भट्ट को सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिये फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म ..कारतूस .की टिकट खिड़की पर असफलता के बाद महेश भट्ट ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र से किनारा कर लिया। हालांकि उन्होंने फिल्मों की कहानी और स्क्रीनप्ले लिखना जारी रखा। महेश भट्ट अपने सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये। महेश भट्ट ने अपने तीन दशक लंबे सिने करियर में लगभग 50 फिल्मों का निर्देशन किया है। महेश भट्ट अब निर्देशन के क्षेत्र में वापस आ गये हैं और वह इन दिनों अपनी सुपरहिट फिल्म ‘सड़क’ का सीक्वल बना रहे हैं।