Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
'शान्ति का आरम्भ व्यक्ति के अन्दर से होना चाहिए' - Sabguru News
होम Rajasthan Ajmer ‘शान्ति का आरम्भ व्यक्ति के अन्दर से होना चाहिए’

‘शान्ति का आरम्भ व्यक्ति के अन्दर से होना चाहिए’

0
‘शान्ति का आरम्भ व्यक्ति के अन्दर से होना चाहिए’

अजमेर। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय के योग एवं मानवीय चेतना विभाग में विश्व शान्ति दिवस के अवसर पर हार्टफुलनेस संस्थान के सहयोग से विज्ञान एवं आध्यात्मिकता विषय पर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन भी प्रशिक्षणर्थियों ने मनोयोग से भाग लिया।

योग विभाग के प्रभारी डाॅ. असीत जयती देवी ने कहा कि विश्व शान्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए। इन्ही प्रयासों को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागी अपनी आन्तरिक शान्ति को अनुभव करेंगे।

हार्टफुलनेस संस्थान के अजमेर केन्द्र प्रभारी शैलेष गौड़ ने कहा कि शान्ति स्थापना एक दिन में होने वाला कार्य न होकर एक सतत प्रक्रिया है। इसे हर युग में महापुरूषों के द्वारा तत्कालीन परिस्थियों के अनुसार किया गया है। शान्ति का आरम्भ व्यक्ति के अन्दर से होना चाहिए।

व्यक्ति जब स्वयं शान्त होगा तभी वातावरण को शान्त करने के बारे में विचार कर सकता है। इसलिए सर्वप्रथम व्यक्ति को अन्दर से शान्त होना चाहिए। आन्तरिक शान्ति के लिए विचारों का नियमन आवश्यक है। विचारों का नियमन ध्यान के माध्यम से सरलता से किया जा सकता हैै। ध्यान के बारे में भारतीय योग पद्धतियों में विस्तारपूर्वक बताया गया है।

हार्टफुलनेस प्रशिक्षक गिरीश गुप्ता ने कहा कि आध्यात्मिकता विज्ञान से आगे की बात करता है। योग प्रशिक्षक नितेन्द्र उपाध्याय ने शारीरिक शिथिलीकरण के माध्यम से प्रतिभागियों को रिलेक्स होना सिखाया। प्रथम सत्रा के समापन अवसर पर डाॅ. लारा शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।