चंडीगढ़ चुनावों की घोषणा से ऐन पहले हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) और कांग्रेस को आज उस समय बड़ा झटका लगा जब इनके दो बड़े नेता अपनी अपनी पार्टी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) में शामिल हो गये।
यहां प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बरवाला की मौजूदगी में इनेलो के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रामपाल माजरा और कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव दुड़ाराम ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इनके सैंकड़ों समर्थक भी भाजपा के साथ जुड़े। खट्टर और बराला ने दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुये कहा कि उन्हें पूरा मान सम्मान प्रदान किया जाएगा। इन्होंने यह भी कहा कि माजरा और दुड़ाराम बिना शर्त पार्टी में शामिल हुये हैं।
रामपाल माजरा इनेलो के वरिष्ठतम नेताओं में से हैं और लगभग 40 साल तक पार्टी से जुड़े रहे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह भाजपा की नीतियों एवं कार्यक्रमों से प्रभावित होकर ही इसमें शामिल हुये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को छह-छह हजार रुपए खातों में देकर उनकी सहायता की है जिससे लगभग 11 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचा है। उज्जवला योजना के तहत देशभर में गरीबों को रसोई गैस कनैक्शन बांटे गये हैं। राज्य की भाजपा सरकार ने पारदर्शी तरीके और योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी हैं। इस वजह से वह भाजपा में शामिल हुये हैं।
माजरा के अनुसार राज्य में विपक्ष अलग थलग पड़ा हुआ है और निश्चित रुप से राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी और खट्टर पुन: मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि बतौर कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुये हैं। पार्टी अगर विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका देगी तो चुनाव भी लड़ूंगा।
खट्टर ने कहा कि पार्टी विधानसभा चुनाव में 75 से अधिक सीटें हासिल करने का लक्ष्य अवश्य पूरा करेगी। इस सवाल पर कि चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ी चुनौती किस पार्टी से है तो उन्होंने कहा कि विपक्ष बिखरा हुआ है। लेकिन अगर रोहतक में सांपला-किलोई विधानसभा सीट की बात करें तो स्वभाविक है कि मुकाबला भूपेंद्र सिंह हुड्डा से है। अगर ऐलानाबाद सीट की बात करें तो मुकाबला इनेलो से ही होगा। ऐसे में अलग-अलग जगह कहीं कांग्रेस तो कहीं इनेलो तो कहीं निर्दलीय उम्मीदवारों से टक्कर होनी है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में अप्रत्याशित रूप से जीत दर्ज कर राज्य की सत्ता में आई भाजपा का तब से लेकर कुनबा बढ़ता ही रहा है। हाल ही के लोकसभा चुनावा में सभी दस सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद भाजपा में अन्य दलों से नेताओं के शामिल होने का सिलसिला तेज हुआ। इससे सबसे ज्यादा नुकसान इनेलो को हुआ जिसके अधिकतर नेता भाजपा या कांग्रेस में जा चुके हैं। भाजपा में अब तक कांग्रेस, इनेलो और अन्य दलों के लगभग 50 बड़े नेता शामिल हो चुके हैं।