गया। बिहार में गया जिले के उग्रवाद प्रभावित इमामगंज थाना क्षेत्र में भूमि विवाद को लेकर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली रेखा यादव की हत्या कर दी गई।
पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि नंदई गांव निवासी पूर्व नक्सली रेखा यादव का उसके रिश्तेदारों के साथ पूर्व से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी को लेकर कल देर रात धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी गई।
प्रतिबंधित संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सक्रिय सदस्य रह चुका रेखा यादव वर्ष 2015 में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। रेखा यादव पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर हमला करने के मामले में भी आरोपी था। घटना की सूचना पर इमामगंज के पुलिस उपाधीक्षक मौके पर पहुंचकर छानबीन कर रहे हैं। शव पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है।
मृतक के बड़े भाई कृष्णदेव यादव ने बताया कि रविवार शाम को बाजार से लौट रही रेखा यादव का अपहरण लिया गया था, जिसके बाद रात भर उनलोगों ने काफी खोजबीन की और पुलिस को भी सूचना दी पर आज सुबह उसका शव पास के जंगल से बरामद हुआ।
परिजनों ने गांव के ही लोगों पर भूमि विवाद और जादू-टोना की वजह से हत्या करने का आरोप लगाया है, क्योंकि कुछ दिन पहले पड़ोस में सर्पदंश से एक युवक की मौत हो गई थी तो उसके रिश्तेदारों ने रेखा यादव पर ही जादू-टोना कर सांप भेजने का आरोप लगाया था और हत्या की धमकी दी थी।
धमकी के बाद रेखा यादव ने भदवर थाना में सनहा भी दर्ज करवाया था पर पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था और फिर उसकी हत्या हो गई। मृतक रेखा यादव एमसीसी में नक्सली कमांडर रह चुका है।
पुलिस के ऑपरेशन विश्वास के तहत उसने 2015 में तत्कालीन एसएसपी गरिमा मलिक के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। इस अभियान के तहत उसे 3 लाख की अर्थिक सहायता राशि मिली थी, जिससे उसने खेती शुरू कर आम जीवन जीना शुरू किया था. उसके आत्मसमर्पण करने से नक्सली संगठन भी उससे नाराज था।