इंदौर। मध्यप्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले की जांच कर रहीं इंदौर पुलिस की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूचिवर्धन मिश्र ने आज इस मामले में एक नया खुलासा करते हुए बताया कि हनीट्रैप मामले में अब तक आरोपी के रूप में सामने आई मोनिका यादव जांच में मानव तस्करी और आपराधिक साजिश का शिकार पाई गई है।
मिश्र ने बताया कि मोनिका से इस मामले में अब तक हुई पूछताछ और उसके परिवारजनों से जुटाए गए तथ्य से प्रतीत होता है कि वह मामले में शिकार हुई है। उन्होंने बताया मोनिका पढने-लिखने में एक मेधावी छात्रा है। उसके परिजनों ने पुलिस को बताया है कि उसे बहला फुसला कर अन्य आरोपी अपने साथ लेकर चले गए थे। एसएसपी के अनुसार पुलिस ने मोनिका के पिता की शिकायत पर मानव तस्करी और साजिश रचने की धाराओं में पृथक से एक प्रकरण दर्ज किया है।
मिश्र ने बताया गिरफ़्तारी के बाद से ही प्रकरण की मुख्य आरोपी आरती दयाल और अब तक आरोपी मानी जा रहीं मोनिका यादव पुलिस रिमांड पर है। जिनसे पूछताछ के दौरान आरती बार बार तबीयत ख़राब होने का कहते हुए पुलिस अभिरक्षा में अस्पताल आ जा रही है। यही वजह है कि आरती से अब तक कड़ी दर कड़ी पूछताछ नहीं की जा सकी है।
एसएसपी के अनुसार प्रारम्भिक जांच में सामने आए तथ्यों के अनुसार कहा जा सकता है कि इस मामले के तार मध्यप्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों से भी जुड़ते दिख रहे हैं। उन्होंने संकेत दिए कि भविष्य में पुलिस एक बड़े मानव तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ कर सकती है।
इससे पहले बीते 17 सितंबर को इंदौर की पलासिया थाना पुलिस ने इंदौर नगर निगम के हाल में निलंबित हुए अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह की शिकायत पर एक प्रकरण दर्ज किया था। जिसके दो दिनों बाद पुलिस ने प्रकरण में भोपाल निवासी पांच महिलाओ सहित कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। आरोप है कि आरती दयाल ने शिकायतकर्ता हरभजन सिंह का अंतरंग वीडियो बनाकर उसे हनीट्रैप किया और उसे तीन करोड़ रूपए की राशि के लिए ब्लैकमेल कर रही थी।
पुलिस के बताया कि मामले में मोनिका यादव के पिता की शिकायत पर फ़िलहाल यहां पलासिया थाना पुलिस ने शून्य पर अपराध दर्ज कर लिया है। जिसकी आगामी जांच भोपाल पुलिस के सुपर्द कर दी जाएगी।