अजमेर। अंग्रेजीयत के अंधानुकरण के कारण भारतीय समाज और नई पीढ़ी में लगातार संस्कारों का अभाव हो रहा है। स्वतंत्रता के बाद से ही समय-समय पर बनने वाली प्रत्येक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बालको में नैतिक एवं राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण की बात पर जोर दिया जाता रहा है किन्तु चरित्रवान बालक-बालिकाओं का निर्माण माताओं के प्रशिक्षण के बिना सम्भव नहीं है।
यह विचार विद्या भारती चितौड़ प्रान्त के संगठन मंत्री गोविन्द कुमार ने शनिवार को पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में मातृ-भारती गठन के अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने मातृ-भारती की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए कहा कि योग्य संतानों के निर्माण में माताओं का प्रशिक्षण योग्य संवेदनशील माताओं के द्वारा ही किया जा सकता है इसीलिए विद्या भारती के विद्यालयों में इसके गठन की योजना की गई।
इससे पूर्व मातृभारती के निर्वाचन की औपचारिकता पूर्ण की गई जिसमें भगवन्ती दासानी को अध्यक्ष, जानकी राजपुरोहित को सचिव तथा राजश्री सोनी को सर्वसम्मति से मंत्री बनाया गया। निर्वाचन अधिकारी रेखा चौधरी रही।
कार्यक्रम के अन्त में शाला के प्रधानाचार्य भूपेन्द्र उबाना ने मातृभारती सदस्यों को सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण का संकल्प दिलाते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।