सबगुरु न्यूज-सिरोही। स्वायत्त शासन विभाग ने सोमवार को एक नया आदेश जारी करके पूर्व प्रकरणों में ही शिवगंज नगर पालिका अध्यक्ष कंचन सोलंकी को निलम्बित कर दिया है।
ताजा निलम्बन आदेश में निलम्बन के लिए जो प्रकरण बताए गए थे, उन्हीं के आधार पर फिर से कंचन सोलंकी को निलंबित किया गया है। इस बार निलम्बन का आदेश राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा पिछले सप्ताह दिए गए आदेश में दी गई गाइडलाइन की पालना में किया गया है।
-इस न्यायिक आदेश की पालना का हवाला
शिवगंज नगर पालिका अध्यक्ष कंचन सोलंकी को स्वायत्त शासन विभाग ने गत महीने 18 सितम्बर को निलंबित कर दिया था। सुभाष नगर में एक पट्टा जारी करने और खांचा भूमि आवंटन के जिस मामले में उन्हें जांच के बाद निलंबित किया गया था।
इस आदेश के खिलाफ कंचन सोलंकी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस याचिका में उन्होंने दलील दी कि उन्होंने डीएलबी द्वारा उक्त प्रकरणों में मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब दे दिया था। इन जवाबों को संज्ञान में लिए बिना ही उन्हें निलम्बित कर दिया गया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार 17 अक्टूबर को भेजे गए शिवगंज पालिकाध्यक्ष के जवाब संबंधित अधिकारी की टेबल तक नहीं पहुंच पाए थे। ऐसे में उन्हें निलम्बन करने को उन्होंने चेलेंज किया। हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को आदेश दिए। निलम्बन और दोनों प्रकरणों की न्यायिक जांच के आदेश को रद्द कर दिया।
कंचन सोलंकी ने फिर से पालिकाध्यक्ष के पद पर कार्यभार संभाला। विभागीय सूत्रों के अनुसार उच्च न्यायालय द्वारा निलम्बन रद्द करने के आदेश में राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया था कि कंचन सोलंकी द्वारा भेजे गए स्पष्टीकरण की सुनवाई करके सात दिन में नये सिरे से आदेश जारी करें।
इस पर राज्य सरकार ने शिवगंज नगर पालिकाध्यक्ष के 18 अक्टूबर को जारी निलम्बन आदेश और न्यायिक जांच के आदेश वापस ले लिए। उनके द्वारा भेजे गए स्पष्टीकरण को संज्ञान में लेने के बाद सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की अनुपालना करते हुए फिर से निलम्बित कर दिया गया है।
-यह लिखा है नए आदेश में
निलम्बन आदेश में हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है। इसमें लिखा है कि कंचन सोलंकी के खिलाफ अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। जिला कलक्टर व उपखण्ड अधिकारी को इसकी जांच के आदेश दिए थे। जिला कलक्टर ने 19 अगस्त को उपखण्ड अधिकारी शिवगंज की 9 अगस्त की जांच को भेजा।
उक्त जांच में प्रथम दृष्टया कंचन सोलंकी द्वारा अनियमितता किया पाया जाने पर 29 अगस्त को कंचन सोंलंकी को स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया गया। उन्होंने 17 अक्टूबर को यह स्पष्टीकरण भेजा। निलम्बन आदेश में आगे लिखा है कि कंचन सोलंकी ने उच्च न्यायालय में रिट दायर की। इस पर दिए आदेश के क्रम में श्रीमती सोलंकी के स्पष्टीकरण का परिक्षण किया गया। तथ्यों व दस्तावेजों को परिशीलन किया गया।
पूर्व में बताए जगदीश पुत्र दरियाब पुरी को पट्टा जारी करने और राजेन्द्र पुरी को खांचा भूमि विक्रय करने प्रकरण में 11 अक्टूबर को प्रकरण न्यायिक जांच के लिए पेश करके स्वायत्त शासन के निदेशकर और संयुक्त सचिव डॉ प्रवीण कुमार ने उनका निलम्बन आदेश फिर से जारी किया।
इधर, राजस्थान हाईकोर्ट सिरोही सभापति ताराराम माली द्वारा निलम्बन आदेश के खिलाफ स्टे लेने के लिए लगाई अर्जी को भी पहले ही खारिज कर चुकी है। दोनों ही नगर निकाय विधायक संयम लोढ़ा के विधानसभा क्षेत्र सिरोही विधानसभा में पड़ती हैं और दोनों ही निकाय अध्यक्ष भाजपा के हैं।