श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर जिले में पदस्थापित आईएएस के एक प्रशिक्षु अधिकारी को कोर्ट के आदेश की पालना न करने और उसे चुनौती देने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद पेश किया है।
श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश शिवकुमार कुमार महला ने तहसीलदार रामपाल मीणा और प्रशिक्षु आईएएस मोहम्मद जुनैद के विरुद्ध अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनूपगढ़ के न्यायालय में परिवाद पेश किया है। इस पर न्यायालय ने रामपाल मीणा और मोहम्मद जुनैद को धारा 166 और 120 बी में प्रसंज्ञान लेते हुए तलब किया है।
मामले के अनुसार चक 14-एसजेएम के बीरबलराम ने काफी अरसा पहले एक वाद पेश किया था कि उसकी 50 बीघा भूमि का परमाराम सहित कुछ व्यक्तियों ने गलत मुख्तारनामा के आधार पर बैयनामा करवा लिया है। इस वाद में निर्णय उसके पक्ष में हुआ। बाद में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी उसके पक्ष में फैसला सुनाया।
न्यायालय ने विवादित भूमि का इंतकाल दर्ज करके बीरबलराम को कब्जा दिलाने के लिए बार बार लिखा, लेकिन तहसीलदार रामपाल मीणा और प्रशिक्षु आईएएस मोहम्मद जुनैद ने इसकी पालना नहीं की और न कोई कार्रवाई की। प्रशिक्षु आईएएस जुनैद ने न्यायालय के नोटिस का जवाब प्रस्तुत करते हुए न्यायालय द्वारा पारित निर्णय को ही चुनौती दे डाली।
इस पर न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों के विरुद्ध इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाया है। न्यायालय ने प्रशिक्षु आईएएस मोहम्मद जुनैद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए मुख्य शासन सचिव तथा तहसीलदार रामपाल मीणा के विरुद्ध कार्रवाई के लिए राजस्व मंडल अजमेर को लिखा है।