आज धनतेरस है। यानी बाजारों में रौनक और खरीदारी का दिन। धनतेरस आते ही सुस्त बाजारों की चाल स्वयं ही तेज हो जाती है। इस समय पूरे देश के बाजार में रौनक छाई हुई है। खरीदारी करने के लिए लोग एक साल से इंतजार भी कर रहे हैं। धनतेरस के साथ ही पांच दिन का महापर्व दीपोत्सव भी शुरू हो जाता है। आज से घर-घर में सुख और शांति के लिए दीये जलाए जाएंगे। धनतेरस से दीपावली पर्व की शुरुआत मानी जाती है।
यह कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदकर अपने घर नया सामान (सोना, चांदी और बर्तन) लाने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। यही कारण है कि धनतेरस के मौके पर अचानक बाजारो में चहल-पहल बढ़ जाती है। धनतेरस के मौके पर सोने की खरीदारी का विशेष प्रचलन होने से सोने व चांदी के दामों में भी खासी तेजी देखने को मिलती है।
वहीं धनतेरस पर बर्तन के बाजारों में रौनक बढ़ गई है। धनतेरस पर बर्तनों की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ रहती है। हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार धनतेरस के दिन कुछ न कुछ इंसान को अवश्य खरीदना चाहिए। इससे ईश्वर की कृपा बनी रहती है और उस व्यक्ति को धन की कोई कमीं नहीं रहती है। यह परंपरा देश में सैकड़ों सालों से चली आ रही है। स्टील के बर्तनों के साथ चम्मचों की सबसे अधिक बिक्री होती है।
तांबे, पीतल जैसी धातुओं के बर्तन भी बिकते हैं। दीपावली के लिए पूजा में प्रयुक्त होने वाली कई बर्तन अपने क्षमता के अनुसार लोग खरीदते है। जिसमें स्टील से लेकर पीतल, तांबे एवं अन्य धातुओं के साथ-साथ सोने एवं चादी के बर्तनों की भी खरीद की जाती है। शाम साढ़े चार बजे से 26 अक्टूबर को दोपहर बाद दो बजे तक है। ऐसे में आज धनतेरस के दिन आप शाम साढ़े चार बजे से रात तक खरीदारी कर सकते हैं। इस दिन के लिए कारोबारियों और ग्राहकों में एक उत्साह छा जाता है। देशभर के छोटे हों या बड़े बाजार सजावट और रोशनी से जगमगा रहे हैं।
धनतेरस के दिन वैद्य भगवान धनवंतरि की होती है पूजा
धनतेरस के धार्मिक महत्व की बात करें तो इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरि की पूजा करने का विधान है। चिकित्सा से जुड़े लोग खासकर वैद्य व डॉक्टर आज के दिन पूरी श्रृद्धा के साथ भगवान धनवंतरि की पूजा करते हैं। भगवान धनवंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन में धनतेरस के दिन ही भगवान धनवंतरि प्रगट हुए थे। यानी धनतेरस को उनका जन्म हुआ था। यही कारण है कि आज के दिन धनवंतरि पूजा होती है। इस दिन गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां भी खरीदी जाती हैं जिससे कि दीपावली में उनकी पूजा हो सके। धनतेरस की शाम को यमराज के नाम दीये भी जलाए जाते हैं।
शंभू नाथ, गौतम वरिष्ठ पत्रकार