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भाजपा को हरियाणा में सरकार बनाने की इतनी जल्दी क्यों थी ? - Sabguru News
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भाजपा को हरियाणा में सरकार बनाने की इतनी जल्दी क्यों थी ?

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भाजपा को हरियाणा में सरकार बनाने की इतनी जल्दी क्यों थी ?
Why was BJP in such a hurry to form the government in Haryana?
Why was BJP in such a hurry to form the government in Haryana?
Why was BJP in such a hurry to form the government in Haryana?

जयपुर। महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी को कुछ ज्यादा ही कसरत करवा दी। भाजपा दोनों ही राज्यों में सरकार बनाने के लिए अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं हासिल कर सकी है। बहुमत से चूकने के बाद हरियाणा में बीजेपी को गठबंधन की लाठी लेनी पड़ी है और उसकी लाठी बनी है चौटाला परिवार की ही पार्टी जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी।

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। यहां सरकार बनाने के लिए 145 सीटेें चाहिए। भाजपा और शिवसेना ने 161 सीटें भी जीत ली हैं । इसलिए भाजपा को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए नतीजों के बाद जल्दी नहीं रही। लेकिन हरियाणा के चुनाव नतीजे भाजपा को अखर गए। हालांकि राज्य में 90 सीटों में से 40 पर बीजेपी ने कब्जा किया जबकि सरकार बनाने के लिए उसको 6 विधायकों की जरूरत और थी।

अब यहीं से ही भाजपा के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह समेत पार्टी के केंद्रीय आलाकमान हरियाणा में सरकार बनाने के लिए दिन रात एक किए हुए थे। अमित शाह नहीं चाहते थे कि हरियाणा में कांग्रेस ‘कर्नाटक फार्मूले’ को लागू करके सरकार बना लें और सबसे बड़ी पार्टी भाजपा जो कि 40 सीट जीतकर आई है वह हाथ मलते रह जाए। हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा फिर सक्रिय हुए।

सबसे पहले तो भाजपा ने हरियाणा विकास पार्टी के मुखिया गोपाल कांडा समेत निर्दलीयों को अपने साथ मिला लिया। लेकिन सबसे अधिक अमित शाह को हरियाणा चुनाव परिणामों के बाद राजनीति में उभर कर आए जेजेपी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला खटक रहे थे। जेजेपी ने इस बार 10 सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। भाजपा को डर सता रहा था कि जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला कहीं कांग्रेस पाले में न चले जाएं, इसलिए आनन-फानन में 25 अक्टूबर यानी शुक्रवार को दुष्यंत चौटाला के साथ मीटिंग रखी गई। (जो कि देर रात तक चलती रही) गृहमंत्री शाह अहमदाबाद का अपना दौरा बीच में रद कर के चंडीगढ़ पहुंचे थे। दुष्यंत चौटाला बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर के साथ अमित शाह से मिलने पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई इसके बाद इस फैसले का एलान किया गया।

बता दें कि इससे पहले जब दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बातचीत की थी तभी उन्होंने इस बात के संकेत दिए थे कि वे बीजेपी को अपना समर्थन दे सकते हैं । उन्होंने कहा कि जो पार्टी उन्हें सम्मान देगी वे उसके साथ जा सकते हैं । इसके बाद कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला को साथ आने का न्योता दिया, लेकिन चौटाला ने बीजेपी के साथ जाने का फैसला लिया है । इस बैठक के बाद अमित शाह ने एलान किया कि राज्य में बीजेपी और जेजेपी मिलकर सरकार बनाएगी । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य का सीएम बीजेपी का होगा और जेजेपी को डिप्टी सीएम का पद मिलेगा । गौरतलब है कि हरियाणा में बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। और जेजेपी के खाते में 10 सीटें आई हैं । ऐसे में दोनों को मिलाकर ये आंकड़ा 50 का होता है।

90 विधानसभा सीटों वाले राज्य हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा 46 है। बाद में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य में एक स्थाई सरकार देने के लिए ये जरूरी था कि बीजेपी और जेजेपी साथ आएं। चौटाला ने कहा कि मैं अमित शाह जी और नड्डा जी का धन्यवाद करता हूं। हमारी पार्टी ने तय किया था कि राज्य की बेहतरी के लिए सरकार का स्थिर होना जरूरी है। गृहमंत्री अमित शाह चुनाव नतीजों के बाद से ही महाराष्ट्र नहीं बल्कि हरियाणा में सरकार बनाने को लेकर कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे। आखिर में अमित शाह ने हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई, जिसके लिए वह जाने जाते हैं।

भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए खट्टर, कल हो सकता है शपथ ग्रहण—

चंडीगढ़ में आज भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में मनोहर लाल खट्टर को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया । खट्टर कल दोपहर शपथ भी ले सकते हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि मनोहर लाल खट्टर सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए। उन्होंने बताया कि बैठक में अनिल जैन ने खट्टर के नाम का प्रस्ताव रखा। पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पर्यवेक्षक बनकर हरियाणा जाना लेकिन फिर उनकी जगह रविशंकर प्रसाद पहुंचे। अनिल जैन भी इस बैठक में मौजूद रहे। हम आपको बता दें कि अभी भी जेजेपी की तरफ से डिप्टी सीएम कौन होगा इसका फैसला नहीं हुआ है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार