सबगुरु न्यूज-सिरोही। धनतेरस की रात को एक सवाल ने चौंकाया। ‘भाई साहब, टिकिट कांग्रेस से मिलेगा या चाबी से।’ सवाल किसी सामान्य व्यक्ति का होता तो शायद आश्चर्य नहीं होता, लेकिन सवाल था सिरोही नगर परिषद क्षेत्र से पार्षद चुनाव लडऩे के इच्छुक युवा का। ये सवाल उठना वाजिब भी है।
कांग्रेस की गुटबाजी के बीच निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा समर्थक नगर अध्यक्ष जितेन्द्र ऐरन के यहां पार्षद प्रत्याशियों के आवेदन जमा हो रहे हैं। दूसरी ओर जीवाराम और मूल कांग्रेस गुट की बैठक में लोढ़ा विरोधी खेमा स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा के प्रभाव को कम करने के लिए जिला संगठन पर दबाव बना रहा है।
चाबी यहां पर उसी तरह जीत का प्रतीक माना जा रहा है, जैसे कभी बूटासिंह का रेल का इंजन था। यूं सिंबल जो भी उसका विश्वास सिंबल से ज्यादा विधायक पर नजर आया।
-भाजपा में पुराने नगर अध्यक्ष ही काम पर
रीको में हुई बैठक में सिरोही, पिण्डवाड़ा, शिवगंज व माउण्ट आबू शहरी क्षेत्र के अध्यक्षों को बदलने की भाजपा बैठक में लिए गए निर्णय के बाद अभी भी पुराने नगर अध्यक्ष ही कार्यरत हैं। नयों की नियुक्ति प्रदेश से हरी झण्डी मिलने के बाद होगी। फिलहाल भाजपा से सभापति पद के दावेदार दीवाली से पहले ही अपने मोहरे सेट करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। सभी दावेदारों की कोशिश ये है कि उनके समर्थन वाले अधिकांश लोगों को भाजपा से टिकिट मिले और सभापति के रूप में उनका नाम आगे आए।
-नजर ‘सुपर ट्वेंटी’ पर
कांग्रेस से इतर एक अलग कांग्रेस चल रही है तो भाजपा में कई सारी भाजपा दौडऩे लगी है। सबका लक्ष्य एक। आगामी नगर निकाय चुनाव में सिरोही-शिवगंज में सुपर ट्वेंटी की खोज। 35 वार्डों वाले इन निकायों में बहुमत के लिए 18 पार्षद चाहिए। सेफ खेलने के लिए बीस। सिरोही, शिवगंज और पिण्डवाड़ा के सभापति सामान्य हैं तो यहां दोहरी चाल में व्यस्तता भी है। एक पार्टी के सुपर ट्वेंटी की कवायद और दूसरा इन सुपर ट्वेंटी में भी अपने मोहरे सेट करने की।