5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार कोई विदेशी संसद सदस्य कश्मीर की यात्रा करेंगे। सोमवार को यूरोपीय संसद के 28 सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह सदस्य राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिले। इस मुलाकात में जम्मू-कश्मीर के मसले पर खुलकर बात हुई और मौजूदा हालात के बारे में बात की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अजित डोभाल से ये चर्चा कर यूरोपीय संसद के सदस्याें का प्रतिनिधिमंडल संतुष्ट दिखा।
यूरोपियन संसद का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का भी दौरा करेगा। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का ये पहला कश्मीर दौरा होगा। गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद दुनियाभर में जम्मू-कश्मीर का मसला छाया हुआ था, पाकिस्तान की ओर से इस मसले को उठाया जा रहा था। ऐसे में यूरोपियन प्रतिनिधिमंडल का ये दौरा काफी अहम है। जम्मू-कश्मीर जाने वाले यूरोपियन संसद के प्रतिनिधिमंडल में 28 सदस्य होंगे। अभी तक भारत सरकार की ओर से किसी भी विदेशी प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर भारत ने आंतरिक मामला बताया
जम्मू कश्मीर से मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पूरे विश्व को यह संदेश दिया था कि हमारे आंतरिक मामले में कोई दखलअंदाजी न करें। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर मसले को विश्व के तमाम राष्ट्रअध्यक्षों के सामने उठा चुके हैं। इमरान को तुर्की और मलेशिया छोड़कर लगभग सभी देशों से मुंह की खानी पड़ी है। तुर्की और मलेशिया की ओर से पाक प्रधानमंत्री इमरान को समर्थन देने पर भारत ने कड़ा एतराज जताया था। भारत का पड़ोसी यानी चीन भी कश्मीर मसले पर भारत सरकार से कुछ भी कहने का साहस नहीं कर पाया। अब जम्मू कश्मीर में हालात धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार