Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
अनुच्छेद 370 समाप्त करना भारत का आंतरिक मामला, लेकिन आतंकवाद वैश्विक खतरा - Sabguru News
होम Breaking अनुच्छेद 370 समाप्त करना भारत का आंतरिक मामला, लेकिन आतंकवाद वैश्विक खतरा

अनुच्छेद 370 समाप्त करना भारत का आंतरिक मामला, लेकिन आतंकवाद वैश्विक खतरा

0
अनुच्छेद 370 समाप्त करना भारत का आंतरिक मामला, लेकिन आतंकवाद वैश्विक खतरा
EU MPs said ending Article 370 is India's internal matter
EU MPs said ending Article 370 is India's internal matter
EU MPs said ending Article 370 is India’s internal matter

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जायजा लेने राज्य के दौरे पर आये यूरोपीय संघ के सांसदों ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन आतंकवाद वैश्विक खतरा है, इसलिए वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हैं।

फ्रांस के सांसद हेनरी मलूसे ने बुधवार को यहां सवाददाताओं से कहा, “यदि हम अनुच्छेद 370 के बारे में बात करते हैं, तो यह भारत का आंतरिक मामला है। हमारी चिंता आतंकवाद को लेकर है, जो एक वैश्विक खतरा है। हम सभी को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि प्रतिधिमंडल ने सेना और पुलिस के साथ -साथ युवा कार्यकर्ताओं से बात की है और उनसे शांति बहाल करने के लिए उनकी राय जानी है। उन्होंने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में मंगलवार रात आतंकवादियों द्वारा पश्चिम बंगाल के पांच श्रमिकों की हत्या किये जाने की घटना भी निंदा की है।

पोलैंड के सांसद रिजार्ड जार्नेकी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पक्षपातपूर्ण तरीके से कश्मीर की स्थिति की रिपोर्टिंग की है। उन्होंने कहा, “जब हम लोग अपने वापस जाएंगे, तो हम उन्हें बतायेंगे कि हमने यहां क्या देखा।”

ब्रिटेन के सांसद न्यूटन डन्न ने कहा कि हम भारत को विश्व के सबसे शांतिपूर्ण देख के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हम लोग यूरोपीय है, जो वर्षों की लड़ाई के बाद शांतिपूर्ण क्षेत्र बना। भारत को विश्व का सबसे शांतिपूर्ण देश बनाने के लिए वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें उसके साथ खड़े रहने की जरूरत है। यह दौरा आंखें खोलने वाला है और हम लोगों ने निश्चित रूप से यहां जो देखा है ,उसे बतायेंगे।”

फ्रांस के सांसद थियरी मारियानी ने कुछ मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमें फासीवादी कह कर हमारी छवि खराब की गयी है। यह बेहतर होगा कि हमारी छवि धूमिल करने से पहले हमारे बारे में पूरी तरह से जान लें।”

उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक देश को तबाह कर सकता है और यह प्रतिनिधिमंडल नहीं चाहता है कि कश्मीर दूसरा अफगानिस्तान बने। उन्होंने कहा, “हमने अफगानिस्तान और सीरिया को देखा है। मैंने देखा है कि आतंकवाद ने क्या किया है? आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ खड़े हैं क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि कश्मीर दूसरा अफगानिस्तान बने।”

उल्लेखनीय है कि कश्मीर घाटी की स्थिति का जायजा लेने के लिए यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का दल मंगलवार को यहां पहुंचा, जहां लोग कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने तथा लद्दाख और जम्मू-कश्मीर नाम से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। यूरोपीय सांसद का प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली लौट गया है।

केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के बाद किसी भी प्रतिनिधिमंडल का घाटी का यह पहला दौरा है। राज्य के लोग केंद्र के फैसले का बड़े पैमाने पर विरोध कर रहे हैं और राज्य में पिछले 87 दिनों से प्रतिबंध जारी हैं।

उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं ने विदेशी प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे की कड़ी आलोचना की है। श्री गांधी ने ट्वीट कर कहा, “यूरोपीय सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे के निर्देशित दौरे का स्वागत है, जबकि भारतीय सांसदाें का राज्य में प्रवेश प्रतिबंधित हैं।”

सूत्रों ने बताया कि यूरोपीय सांसदों का दल श्रीनगर में रूका था और इस दौरान राज्य सरकार, सेना के चिनार कोर्प्स मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा राज्य के मुख्य सचिव एवं राज्यपाल के सलाहकार सहित विभिन्न अधिकारियों ने राज्य की स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, “भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड), पंचों तथा हाल ही निर्वाचित हुए प्रखंड विकास आयोगों के सदस्यों ने भी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। कई अन्य लोगों ने भी यूरोपीय सांसदों से मुलाकात की।

सूत्रों ने बताया कि प्रतिधिमंडल में 27 सदस्य थे, लेकिन चार सदस्य नई दिल्ली से ही अपने देश लौट गये थे। विभिन्न मीडिया समूहों में कार्यरत कुछ संवाददाताओं को यूरोपीय सांसदों के संवाददाता सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया था। साथ ही राज्य की मुख्य राजनीतिक पार्टियों नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को भी यूरोपीय सांसदों से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। नेशनल कांफ्रेंस के दो सांसदो ने आरोप लगाया कि विभिन्न अधिकारियों से सम्पर्क करने के बावजूद भी उन्हें यूरोपीय सांसद से मिलने के लिए आमंत्रण नहीं मिला।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती के साथ कई अन्य नेता पांच अगस्त से ही नजरबंद हैं।