श्रीनगर। गुजरात कैडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी (सेवानिवृत्त) गिरीश चंद्र मुर्मू ने नवगठित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के पहले उपराज्यपाल (एलजी) के पद की गुरुवार शपथ ली।
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने यहां स्थित राजभवन में मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद लोगों में से एक माना जाता है। इसी वजह से उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग का सचिव पद भी सौंपा गया था। दरअसल, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मूर्मु उनके प्रधान सचिव थे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू.कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के साथ ही अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों और धारा 35 ए को समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया था। जम्मू.कश्मीर आज ही नए केंद्र शासित प्रदेश के रुप में अस्तित्व में आया है।
केंद्र सरकार में रहते हुए मुर्मू ने सरकारी खर्चों को कम करने की ओर काम किया। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित कई योजनाओं का विलय करने और कुछ पर विराम लगाने की भी बात कही। उन्होंने राजस्व, राजकोषीय घाटा और व्यय की प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाने पर जोर दिया।
इससे पहले सुबह में न्यायमूर्ति मित्तल ने त्रिपुरा बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राधाकृष्ण माथुर को लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।