नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने अलग-अलग विभागों में कोताही बरतने वाले 108 अधिकारियों को गुरुवार को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी।
राज्य सरकार की ओर से आज जारी विज्ञप्ति के अनुसार दिल्ली सरकार ने विभिन्न विभागों के दिल्ली प्रशासन अधीनस्थ सेवा, दिल्ली अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह सिविल सेवा (डीएएनआईएस) तथा स्टेनो पद पर कार्यरत 108 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी।
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने चार जुलाई को भ्रष्ट अधिकारियों को सेवानिवृत देने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल से इस पर चर्चा की थी। जिसके बाद राज्यपाल ने समीक्षा समिति बनाने पर मंजूरी दे दी थी। केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल को दागी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली विकास प्राधिकरण के 14, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 39, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 15, पश्चिमी दिल्ली नगर निगम के सात, सेवा विभाग के 14, परिवहन विभाग के पांच, दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम के एक, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक, बिजली विभाग के एक और दिल्ली जल बोर्ड के सात तथा दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के चार अधिकारीयों को केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम के तहत अनिवार्य सेवानिवृति दी है।