अजमेर। जिस तरह सफलता के लिए मन और मस्तिष्क का एकाग्रचित्त होना जरूरी है ठीक उसी तरह भगवान को पाने के लिए भी यही एकाग्रचित्ता यानी प्रेम व भक्ति आवश्यक है। भागवत कथा श्रवण के लिए आना भी ठाकुरजी की कृपा से ही होता है, ठाकुरजी जिससे प्रेम करते हैं उन्हें ही कथा में आने को प्रेरित करते हैं और सुनने वाले के कदम खुद ब खुद चल पडते हैं। कथा श्रवण करना भी आनंद की अनुभूति यानी प्रभु से मिलन का मार्ग है। यह बात शुक्रवार को शास्त्रीनगर के भक्त प्रहलाद पार्क में दृष्टि बाधित छात्राओं के कल्याणार्थ चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक डॉ नीना शर्मा (दीदी) ने कही।
उन्होंने कहा कि भक्ति रूपी नैया में सवार हो जाइए क्योंकि इसकी पतवार स्वयं प्रभु के हाथ में रहती है। वही हमारा बेडा पार लगाएंगे। भागवत कथा सुनने से धन, यश यहां तक कि जैसा सोचे वैसा फल प्राप्त होता है। जो संसारिक बंधनों में रहकर भगवान को चाहता है उसे तथा जो सिर्फ भगवान को चाहता है उसे भी भागवत कथा तृप्त करती है। यह मानव की हर लालसा को पूर्ण करती है। दीदी ने भागवत कथा से जुडे शिव पार्वती के प्रसंग सुनाए। तथा शिव महिमा का मूल अर्थ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाया। बीच बीच में भजनों की रसधार ऐसी बही कि श्रोता भी नाचने लगे। कथा के दूसरे दिन लाडली घर की दृष्टिबाधित बालिकाओं ने भी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। बालिकाओं ने प्रहलाद और नारद मुनि के रूप में दर्शन दिए।
शाम को हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की महाआरती की गई। राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा का सुबह से शुरू हुआ सिलसिला शाम तक जारी रहा। इस मौके पर राष्ट्रीय संत कृष्णानंद महाराज, रामनाम धन संग्रह बैंक के संस्थापक न्यासी बालकृष्ण पुरोहित, अशोक कुमार शर्मा, नारायण स्वामी, सुभाष चांदना समेत बडी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे। श्रीमद् भागवत कथा और रामनाम महामंत्रों की परिक्रमा आयोजन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आगामी 6 नवंबर तक रहेगा।