नई दिल्ली। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) के सेक्टर 21 में स्टेशन की छत पर लगाए गए पहले सौर ऊर्जा संयंत्र का अवलोकन किया। उनके साथ जर्मनी की खाद्य एवं कृषि मंत्री जूलिया कलोक्नर भी थी।
यह संयंत्र पिछले पांच वर्षों से काम कर रहा है और इसने अब तक 33 लाख बिजली यूनिट पैदा की है और इस संयंत्र से इस स्टेशन की 35 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही है। यह संयंत्र भारत और जर्मनी के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हुए समझौते का यह सबसे बेहतर उदाहरण है।
डीएमआरसी ने 500 किलोवाट पावर क्षमता वाले सौर ऊर्जा के इस संयंत्र को इस मेट्रो स्टेशन पर 2014 में स्थापित किया था। इससे पहले जर्मनी की जीआईजे कंपनी ने इस संबंध में एक व्यावहार्यता रिपोर्ट तैयार की थी। इस संबंध में दोनों देशों के बीच अक्टूबर 2012 में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इस सौर ऊर्जा पायलट प्रोजेक्ट को भारतीय सौर ऊर्जा निगम के सहयोग से क्रियान्वित किया गया था और इसके बाद अनेक स्थानों पर भवनों और इमारतों की छतों पर कईं सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया था। इस समय तक राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अनेक ऐसे संयंत्र लगाए जा चुके हैं और इनसे 324 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस तरह की परियोजनाओं से मेट्रो के 14 डिपो, 61 मेट्रो स्टेशनों और तीन आवासीय परिसरों को फायदा हुआ है।
इस मौेके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डा़ मंगू सिंह ने शहर में विश्वसनीय , सतत और पर्यावरण की स्वच्छ प्रणाली प्रदान करने की मेट्रो निगम की प्रतिबद्धता को दोहराया।