Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Special on prithviraj kapoor birthday - Sabguru News
होम Entertainment Bollywood फिल्म मुगल-ए-आजम में पृथ्वीराज कपूर का निभाया किरदार आज भी अमर है

फिल्म मुगल-ए-आजम में पृथ्वीराज कपूर का निभाया किरदार आज भी अमर है

0
फिल्म मुगल-ए-आजम में पृथ्वीराज कपूर का निभाया किरदार आज भी अमर है

आज भारतीय हिंदी सिनेमा के पहले शो मैन पृथ्वीराज कपूर का जन्मदिवस है। बॉलीवुड में कपूर खानदान का इतिहास बहुत पुराना रहा है। आज भले ही सिनेमा की नई पीढ़ी पृथ्वीराज कपूर से परिचित न हो लेकिन मूक सिनेमा के दौर से लेकर ब्लैक एंड व्हाइट और रंगीन सिनेमा तक जिन चंद कलाकारों ने अपनी पहचान बनाई उनमें हिंदी सिनेमा के मशहूर शो मैन राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर भी शामिल हैं।

पृथ्वीराज कपूर के निभाए गए फिल्म मुग़ल-ए-आज़म का किरदार हिंदी सिनेमा के इतिहास में आज भी अमर माना जाता है। राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर का आज यानी 3 नवंबर को जन्मदिन है। आइए इन महान अभिनेता के बारे में बात कर ली जाए। कपूर परिवार का हर सदस्य पृथ्वीराज कपूर का नाम सुनते ही नतमस्तक हो जाता है। जब पृथ्वीराज कपूर मुंबई (तब बंबई ) पहुंचे तब हिंदी सिनेमा अपने शुरुआती दिनों में संघर्ष कर रहा था।

23 साल के पृथ्वीराज जब वह 1928 में अपनी एक रिश्तेदार से थोड़ा सा कर्ज लेकर फैसलाबाद से बंबई आए।  वकालत की पढ़ाई बीच में ही छोड़ वह अभिनेता बने और भारत की पहली बोलती फिल्म ‘आलमआरा’ (1931 में रिलीज हुई थी ) में काम करने से पहले वह एक मूक फिल्म सिनेमा गर्ल में भी काम कर चुके थे। मुगले आजम में अकबर का किरदार हिंदी सिनेमा के कालजयी किरदारों में शुमार है। महज 38 साल की उम्र में उन्होंने समंदर किनारे एक आलीशान पृथ्वी थिएटर खड़ा कर दिया था। पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर, 1906 को पाकिस्तान के लायलपुर की तहसील समुंद्री में हुआ था।

फिल्मी पर्दे पर अपनी भारी-भरकम आवाज से दर्शक शांत हो जाते थे

दस साल बाद 1941 में, सोहराब मोदी के ‘सिकंदर’ फ़िल्म में सिकंदर की बेमिसाल भूमिका उन्होंने निभाई। 1960 में मुगले आज़म में अकबर के किरदार के साथ उन्होंने अभिनय का ऐसा शाहकार रचा जिसकी आज भी मिसाल दी जाती है। इस फ़िल्म की स्टार कास्ट में पृथ्वीराज कपूर का नाम दिलीप कुमार और मधुबाला से पहले आता है। इसको लेकर दिलीप कुमार और मधुबाला में एक तरह से नाराजगी भी थी।

इसका जिक्र पृथ्वी थिएटर में काम करने वाले योगराज टंडन ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से प्रकाशित ‘थिएटर के सरताज पृथ्वीराज’ में किया है। मुगले आजम बनने में काफ़ी विलंब हो रहा था, कई वजहें थी, जिसकी चर्चा होती रहती थी। एक वजह ये थी कि फ़िल्म में स्टारकास्ट में पृथ्वीराज का नाम पहले आने वाला था। इस बारे में पृथ्वीराज ने के आसिफ को कहा क्यों छोटे मोटे झगड़ों में फंसकर फ़िल्म लटका रहे हो। मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, इन दोनों के नाम मुझसे पहले और बड़े अक्षरों में लिख दो। आसिफ़ ने कहा था दीवानजी, मैं मुगले आज़म बना रहा हूं, सलीम-अनारकली नहीं। यह बात इन दोनों में से किसी को समझ नहीं आती।

मेरी इस फ़िल्म का केवल एक हीरो है और वो है अक़बर दी ग्रेट। पृथ्वीराज कपूर ने भारतीय फ़िल्म जगत को राजकपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर जैसे सितारे दिए। बाद में रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, करिश्मा कपूर, करीना कपूर और रणबीर कपूर जैसे सितारों ने इस विरासत को आगे बढ़ाया। पृथ्वीराज कपूर के बड़े बेटे राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर की कामयाबी इतनी बढ़ गई कि यह अपने पिता से भी ज्यादा मशहूर हो गए। लेकिन तीनों बेटों ने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर को हमेशा आदर करते रहे और अपने से बड़ा कलाकार ही मानते थे।

राज कपूर को अपने पूरे जीवन कभी ऐसा नहीं लगा कि वे अपने पिता से ज़्यादा बेहतर हो पाए। वे अपने पिता का इतना आदर करते थे कि उनके सामने कभी सिगरेट और शराब नहीं पीते। प्यार किया तो डरना क्या, गूगल- ए-आजम, आवारा, सिकंदर, आलम आरा, विद्यापति और कल आज और कल पृथ्वीराज कपूर की प्रसिद्ध फिल्में रही। वर्ष 1969 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था। 29 मई 1972 को पृथ्वीराज कपूर का निधन हो गया। मृत्यु के बाद पृथ्वीराज कपूर को दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया गया था।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार