उत्तर प्रदेश का आगरा शहर पूरे दुनिया में ताजमहल की वजह से पहचाना जाता है। ताज का दीदार करने के लिए हर वर्ष देश ही नहीं बल्कि विश्व के कोने-कोने से लाखों पर्यटक आते हैं। लेकिन ताज नगरी की सबसे बड़ी परेशानी यह रही है कि यहां की आबोहवा और खारा पानी मुसीबत बना हुआ है।
जिससे कई बार विदेशी सैलानी बीमार भी हो गए थे और अपने वतन लौटते समय बहुत ही बुरा अनुभव ले गए। जिससे ताजनगरी की छवि भी प्रभावित हुई थी। दीपावली के बाद दिल्ली समेत एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण और जहरीली धुंध का असर आगरा और ताजमहल पर भी पड़ा है। पिछले चार-पांच दिनों से स्मॉग छाए रहने से ताजमहल का दीदार करने में पर्यटकों को परेशानी आ रही है।
लेकिन अब सैलानी ताजमहल का दीदार करने पर शुद्ध और ताजी हवा पा सकेंगे, जिससे वे ताजगी का अनुभव करेंगे। अब उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ताजमहल परिसर में एयर प्यूरीफायर वैन को तैनात किया है। ये वैन 300 मीटर के दायरे में आठ घंटे अंदर 15 लाख क्यूबिक मीटर हवा को शुद्ध कर सकती है। हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट को देखते हुए, ताजमहल के पश्चिम गेट पर एक मोबाइल एयर प्यूरीफायर वैन तैनात की गई है। अब ताज के अंदर पर्यटक तरोताजा रहेंगे।
आगरा भी जहरीली हवा की चपेट में
आगरा में एक तो वैसे ही प्रदूषण से लोग परेशान रहते हैं।पिछले 4 दिनों से दिवाली के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है। आगरा में आने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग जहरीली हवा से परेशान हैं। धुंध और प्रदूषण से मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों के स्थानीय निवासी अपने घरों में भी मास्क पहनने हुए हैं।
आगरा में ताजमहल होने की वजह से चाहे केंद्र हो या उत्तर प्रदेश की सरकार हो बहुत ही मुस्तैद रहती है। ताजमहल के रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था पर हर वर्ष करोड़ों रुपये का खर्च आता है।इसके बावजूद भी पिछले कुछ वर्षों से ताज पर कई काले धब्बे आते जा रहे हैं।अब आगरा नगर निगम और प्रदेश सरकार की पहल से ताज के दीदार करने वाले पर्यटकाें को शुद्ध हवा मिल सकेगी जिससे सैलानी कुछ राहत महसूस करेंगे।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार