जयपुर। गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) हर साल कार्तिक पुर्णिमा को मनाई जाती है। गुरु नानक देव जी ने ही श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे (Kartarpur Sahib Gurudwara) की नींव रखी थी। इस बार 12 नवंबर (November 12) को गुरु नानक की 550वीं जयंती मनाई जाएगी। बता दें, गुरु नानक के अनुयायी उन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। तो चलिए जानें गुरु नानक देव जी के कुछ अनमोल वचन –
* कर्म भूमि पर फल के लिए श्रम सबको करना पड़ता है, रब सिर्फ लकीरे देता है रंग हमको भरना पड़ता है।
* दूब की तरह छोटे बनकर रहो ! जब घास-पात जल जाते है तब भी दूब जस की तस रहती है।
* जिस व्यक्ति को खुद पर विश्वास नहीं है वो कभी ईश्वर पर भी पूर्णरूप से कभी विश्वास नहीं कर सकता।
* ये पूरी दुनिया कठनाइयों में है। वह जिसे खुद पर भरोसा है वही विजेता कहलाता है।
* केवल वही वाणी बोलों जो आपको सम्मान दिला सके।
* सुनो सब, अगर हमे पता होता की कैसे मरा जाता है तो हम मौत को कभी बुरा नहीं कहते।
* बड़े-बड़े राजा-महाराजाओं की तुलना, जिनके पास ढेर सारी धन-संपत्ति है कभी भी उस चींटी की तुलना नहीं कर सकते जिसका मन ईश्वर के प्रेम से भरा हो।
* एक योगी को किस बात का भय, पेड़, पौधे और जो कुछ भी आपके अंदर या बाहर है वो अपने आप ही है।
* सत्य को जानना हर एक चीज से बड़ा है और उससे भी बड़ा है सच्चाई से जीना।
* जब शरीर गंदा हो जाता है तो हम पानी से उसे साफ कर लेते हैं। उसी प्रकार जब हमारा मन गंदा हो जाये तो उसे ईश्वर के जाप और प्रेम द्वारा ही स्वच्छ किया जा सकता है।
* अहंकार द्वारा ही मानवता का अंत होता है। अहंकार कभी नहीं करना चाहियें बल्कि ह्रदय में सेवा भाव रख जीवन व्यतीत करना चाहियें।