जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देकर कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान का काम किया है।
राजे ने मंगलवार को बिड़ला सभागार में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा राजस्थान द्वारा आयोजित क्षत्राणियों के शपथ ग्रहण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की पहल भाजपा सरकार ने की थी। वह जब मुख्यमंत्री थी तब विधानसभा में आर्थिक आधार पर आरक्षण का संकल्प पारित किया गया था। उस संकल्प को मोदी जी ने साकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय जब विधानसभा में पंचायत राज संस्था के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किए गए तो सभी ने मेजें थपथपाईं, लेकिन जब मैं अपने कक्ष में आई तो कई पुरूष विधायकों ने कहा कि आप ये क्या कर रहे हो। इनको हमारे सिर पर क्यों बिठा रहे हो। इसी प्रकार जब मैंने महिलाओं के नाम संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराने पर शुल्क कम किया, तब भी सदन में तो सबने स्वागत किया, लेकिन जब अलग से मिले तो कई पुरूष विधायकों ने ऐतराज किया।
राजे ने कहा कि कि भामाशाह योजना के माध्यम से महिला को घर का मुखिया बनाने का निर्णय लिया तो पर्दे के पीछे ऐसी ही आपत्तियां आईं। लोग कहने लगे अब तो सारा पैसा ही महिलाओं के खाते में चला जाएगा। इन सब आपत्तियों के बावजूद मैनें संघर्ष करके महिलाओं के लिए ये सब किया। मतलब स्पष्ट है कि महिलाओं को सेवा के लिए ऐसे संघर्ष करने ही पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे आलोचकों ने लोगों में यह धारणा बना दी कि मैं रात को 10 बजे बाद नहीं मिलती। पुरूष और महिला मुख्यमंत्री या महिला नेता में यही तो अन्तर है। पुरूष नेता रात को लुंगी में भी किसी से मिल सकता है, लेकिन महिला नहीं। महिलाओं को मर्यादा में रहना पड़ता है।
समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने वसुंधरा राजे की सराहना करते हुए कहा कि वसुन्धरा जी ने राजस्थान में शहीदों की वीरांगनाओं के लिए अच्छे काम किए हैं।