नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण के कारण वायु की गुणवत्ता काफी बदतर रही और दोपहर बाद एक बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 452 दर्ज किया गया। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह जानकारी दी है।
इस हालत को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ऑड-ईवन योजना की अवधि में इजाफा कर सकती है।
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता पर इस समय 35 स्टेशनों से निगरानी की जा रही है और उन्हीं से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह औसत आंकड़े जारी किए हैं।
द्वारका, बवाना, आनंद विहार और वजीरपुर राजधानी में सबसे प्रदूषित रहे और इन स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 440 से ऊपर रहा है।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने में पिछले कई दिनों में कोई कमी नहीं आई है और इसकी वजह से गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य समीपवर्ती हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 440 से ऊपर रहा है।
पिछले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान में काफी कमी आई है और इसकी वजह से प्रदूषक तत्व हवा में लटके हुए हैं। इसके अलावा तेज हवाओं के नहीं चलने से भी ये तत्व वातावरण में निचले स्तर पर मौजूद हैं जिससे प्रदूषण की स्थिति और बदतर हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता का स्तर 87 प्रतिशत रहा और सुबह आसमान में काफी काेहरा छाया रहा। इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतें हुईं और अधिकतर लोग मास्क लगाए नजर आए।
दिल्ली सरकार के सूत्राें का कहना है कि गुरु पर्व को देखते हुए पिछले दो दिनों से ऑड-ईवन में छूट दी गई थी लेकिन बुधवार से इसे फिर शुरू किया जा सकता है जो शुक्रवार तक जारी रह सकता है।