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राममंदिर उनके तराशे गए पत्थर और मॉडल के अनुसार ही बने : विहिप - Sabguru News
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राममंदिर उनके तराशे गए पत्थर और मॉडल के अनुसार ही बने : विहिप

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राममंदिर उनके तराशे गए पत्थर और मॉडल के अनुसार ही बने : विहिप
VHP Suggests Amit Shah, Yogi Adityanath be Included in SC mandated trust for ram mandir construction in ayodhya
VHP Suggests Amit Shah, Yogi Adityanath be Included in SC mandated trust for ram mandir construction in ayodhya

अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चन्द्र ने कहा कि रामजन्मभूमि के लिए ट्रस्ट कैसा होगा और उसमें न्यास एवं परिषद को शामिल करेंगे या नहीं यह आने वाला समय ही बताएगा लेकिन मंदिर निर्माण में न्यास कार्यशाला में तराश कर रखा गया पत्थर ही लगे और बनाए गए मॉडल के आधार पर बने ही बने यही हमारी मांग है।

चन्द्र ने बुधवार को यहां श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला में संवाददाताओं से कहा कि राम मंदिर निर्माण में न्यास कार्यशाला में तराश कर रखा पत्थरों का ही इस्तेमाल हो और विहिप द्वारा कारसेवकपुरम् में रखे गए मॉडल के ही आधार पर भगवान राम का मंदिर बने यह हमारी मांग नहीं बल्कि हमारी जिद है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में किसी को शामिल किया जाए एवं मंदिर बने उसमें विश्व हिन्दू परिषद और श्रीरामजन्मभूमि न्यास को कोई आपत्ति नहीं है।

उन्होंने किहा कि विहिप मूल विषय है रामलला का भव्य मंदिर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामलला के प्रति लोगों की आस्था, श्रद्धा और विश्वास को देखते हुए उसी मॉडल के प्रारूप पर ही भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि न्यास कार्यशाला में मंदिर के लिए अब तक एक मंजिल अर्थात् साठ प्रतिशत पत्थर तराशकर तैयार हैं। साथ ही गांव-गांव से आई रामशिलाएं भी कार्यशाला में रखी हैं। उन्होंने दोहराया कि हमारा केन्द्र सरकार से आग्रह है कि जो मॉडल के आधार पर राम मंदिर बने एवं तराशे हुए पत्थर उसमें उपयोग हों।

विहिप सरंक्षण ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने मस्जिद के लिए मुस्लिम समाज को पांच एकड़ जमीन देने के लिए कहा है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन परिषद एवं संत धर्माचार्यों का यह कहना है कि अयोध्या के सांस्कृति क्षेत्र की सीमा के बाहर ही मस्जिद के लिए जमीन दी जाए साथ ही बाबर के नाम पर देश में कोई भी मस्जिद न बने यही परिषद तथा न्यास का मूल विषय है। उन्होंने कहा कि रामलला के सखा की भूमिका न्यायालय के निर्णय आने तक रही चूंकि मंदिर का निर्णय आ चुका है इसलिए अब रामसखा की भूमिका समाप्त हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि न्यास के पास राम मंदिर के लिए मास्टर प्लान है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह न्यास से मास्टर प्लान ले और मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। उन्होंने कहा कि निर्मोही अखाड़ा की परम्परा में रामजन्मभूमि पर पूजन-अर्चन चलता रहा है और आज भी हम यही बात कहेंगे। उन्होंने बताया कि परिषद के पास राम मंदिर के लिए एकत्रित किए गए चंदों के एक-एक पैसे का हिसाब है। उसके पास आठ करोड़ रुपए इकट्ठा हुए थे जबकि करीब चालिस करोड़ रुपया न्यास कार्यशाला में पत्थर के कार्य में लग गया। उन्होंने कहा कि शेष रकम समाज की तरफ से आया था। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए लोग अरबों करोड़ों लाखों हजारों रुपए दान की घोषणा कर रहे हैं, जो अच्छी बात है।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक ने कहा कि अब केन्द्र सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बना दिया जाए और उसका खाता खुल जाए, तो लोग उसमें दान देने से परहेज नहीं करेंगे। उन्होंने केन्द्र तथा राज्य सरकार से मांग की कि अयोध्या को सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में विश्व में पहचान मिले। यहां एक शोध केन्द्र बने ताकि यहां आने वाले लोगों को अयोध्या, रामायण समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों की सम्पूर्ण जानकारी मिल सके।

इस अवसर पर सद्गुरू सदन के महत्व सियाकिशोरी शरण, अयोध्या संत समिति अध्यक्ष महंत कन्हैयादास रामायणी, बड़ा भक्तमाल महंत अवधेश दास, शत्रुहन निवास के महंत पवन कुमार दास शास्त्री, रामलला के रामसखा त्रिलोकीनाथ पाण्डेय एवं कारसेवकपुरम् के प्रभारी शिवदास सहित अन्य लोग उपस्थित थे।