राष्ट्रपति शासन लगने के बाद एक बार फिर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में सरकार बनाने के लिए मचलने लगी हैं। एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस की लंबी बैठक के बाद तीनों की सरकार बनाने की दिशा में एक राय बन गई है। हो सकता है अगले दो दिनों में महाराष्ट्र में एक नई सरकार का गठन हो जाए ? और राजनीतिक दलों के लिए एक धब्बा कहा जाने वाला ‘राष्ट्रपति शासन’ भी हट जाए ?
लेकिन एक बात तो तय है कि इस बार महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कोई भी दल ‘लोकतंत्र का चीर हरण’ करने में कोई पीछे नहीं रहा। चुनावाें के दौरान नैतिकता की दुहाई देने वाले यह राजनीतिक दल सत्ता की सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए कई तरीके निकाल लेते हैं, महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव इस बार सबसे बड़ा गवाह बन गया है । महाराष्ट्र में सत्ता की चाह में पिछले चार दिनों से शिवसेना अपनी विचारधारा काे ताक पर रख बेमेल गठबंधन बनाने में जुटी हुई थी।
शिवसेना को तो सिर्फ ‘मुख्यमंत्री पद’ से मतलब है। दूसरी ओर एनसीपी और कांग्रेसी भी सियासी रोटियां सेकने में पीछे नहीं रही। हमारे लोकतंत्र की यह विडंबना ही है कि बहुमत वाले सरकारें नहीं बना पाते और अल्प मतवाले सरकार बनाने में कामयाब हो जाते हैं। सत्ता की चाहत में यह दल किसी भी दलदल में उतरने को तैयार रहते हैं। लेकिन अब हमारे देश का मतदाता बहुत जागरूक हो चुका है, वह सब देखता है और चुनाव का मौका आने पर ऐसे दलों को सबक भी सिखा देता है। तमाम चुनाव सुधारों के प्रयासों के बावजूद लोकतंत्र के रक्षक कहे जाने वाले हमारे राजनीतिक दलों व नेताओं ने सत्ता के लिए हर नियम और नैतिकता को दरकिनार कर दिया है।
महाराष्ट्र में आज सरकार बनाने के लिए बढ़ी हलचल
महाराष्ट्र में आज सुबह से ही सरकार के गठन को लेकर शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। राज्य में जो राजनीतिक सरगर्मी देखने को मिल रही है उससे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही नई सरकार का इंतजार खत्म होने वाला है। गुरुवार को पहली बार मुंबई में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने एक साथ बैठक थी ।
बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस महत्वपूर्ण बैठक में शिवसेना को सीएम पद और कांग्रेस-एनसीपी को डिप्टी सीएम पद देने पर सहमति बनी है। दूसरी ओर शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि जो भी हो मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
17 नवंबर को हो सकता है सरकार बनाने का एलान
17 नवंबर को बाल ठाकरे की पुण्यतिथि पर नई सरकार को लेकर एलान हो सकता है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार शिवसेना को पांच साल के लिए सीएम पद देने के लिए राजी हो सकते हैं। हालांकि इस मामले में अभी एनसीपी और कांग्रेस ने खुलकर अपना बयान नहीं दिया है। लेकिन जैसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस और एनसीपी, शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने के लिए राजी हैं। लेकिन इससे पहले एक-दो दिनों में शरद पवार और सोनिया गांधी बात करेंगे और बाद में उद्धव ठाकरे को चर्चा में शामिल किया जाएगा।
संजय राउत का दावा, शिवसेना के नेतृत्व में ही बनेगी सरकार
शिवसेना नेता संजय राउत ने आज कहा कि हम तो चाहते हैं कि 25 साल तक शिवसेना का सीएम रहे। राउत ने कहा कि जो भी सरकार बनेगी शिवसेना के नेतृत्व में बनेगी। लाख कोशिश के बाद भी कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि गठबंधन में दो पार्टियां हों या 25 पार्टियां हों सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चलती है। राज्य के हित की बात करेंगे सब हमारे साथ जुड़े है, जो लोग हमारे साथ आए हैं उन्हें राज्य चलाने का सालों का अनुभव है।
उन्होंने कहा कि फार्मूले की चिंता नहीं है, उद्धव ठाकरे तय करेंगे।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार