नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर के रूफटॉप पर हेलीपैड बनाए जाने का काम लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस हैलीपैड के जरिए दुर्घटना पीड़ितों और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को मदद में आसानी होगी। बता दें, हेलीपैड की सुविधा वाला एम्स देश का पहला अस्पताल बन गया है।
खबरों के अनुसार, हेलीपैड की सुविधा अगले साल तक शुरू हो सकती है। एक महीने के अंदर ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से इसकी मंजूरी के लिए आवेदन किया जाएगा।
एम्स के मीडिया एंड प्रोटोकॉल डिवीजन की चेयरपर्सन डॉ. आरती विज ने स्पष्ट किया है कि अस्पताल डीजीसीए से हेलीपैड की मंजूरी लेने के लिए तेजी से काम कर रहा है। इस हेलीपैड के चालू हो जाने के बाद गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सड़क से सफर नहीं करना होगा बल्कि उन्हें एयरलिफ्ट कर कम समय में एम्स में भर्ती किया जा सकेगा। जानकारी में बता दें, एम्स के ट्रामा सेंटर में प्रतिदिन 150 -200 दुर्घटना और आपातकाल मामले आते है। वहीं अभी तक मरीजों को कम समय में एम्स तक लाने के लिए अरबिंदो मार्ग के नीचे बने भूमिगत सुरंग वाले रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है।